वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर बैठे युवाओं को नौकरी से निकाले जाने से पीएसपीसीएल की विफलता के खिलाफ मीटर रीडरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
बर्खास्त मीटर रीडरों को बहाल किया जाए और बकाया भुगतान किया जाए: गुरजीत सिंह और स्टालिनजीत सिंह
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 09 दिसंबर।: पावरकॉम बिजली बोर्ड विभाग ने एक निजी कंपनी के माध्यम से विभिन्न जिलों में मीटर रीडिंग ली, कंपनी ने युवाओं से सिक्योरिटी के तौर पर 15 हजार रुपये लेकर ड्यूटी तो ज्वाइन करा ली, लेकिन 5 महीने की सैलरी पाने के लिए कच्चे कर्मचारियों को वहीं रखा वादे से भागी कंपनी की जगह नई कंपनी ने भी शोर मचाते हुए कुछ मीटर रीडरों को तीन माह का वेतन देने के बजाय नौकरी से निकाल दिया। यही कारण है कि चंडीगढ़ प्रेस क्लब में फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर आदि जिलों से एकत्र हुए मीटर रीडर युवाओं ने निजी कंपनियों के खिलाफ उचित कार्रवाई और सिक्योरिटी राशि के साथ 8 महीने का वेतन देने की मांग की है। उक्त मामले को लेकर गुरजीत सिंह, स्टालिनजीत सिंह व लखबीर सिंह ने कहा कि दुकानें व
घरों के मीटरों की रीडिंग लेने के लिए 100 से अधिक युवाओं को काम पर रखा गया था, जिनसे कंपनी के अधिकारियों ने 15,000-15,000 रुपये की अतिरिक्त सिक्योरिटी ले ली थी, लेकिन कंपनी वित्तीय कठिनाइयों के कारण अगले 5 महीनों के लिए शेष वेतन देने से भाग रही है। संघर्षरत युवा रस्सियाँ खींचने को मजबूर हैं। पहली निजी कंपनी के भागने के बाद दूसरी कंपनी फ्लॉइंट गाइड ने भी पिछले तीन महीने से युवाओं को वेतन नहीं दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि निजी कंपनियों द्वारा युवाओं को कम वेतन देकर आर्थिक रूप से अपने में समाहित कर लिया जाता है, लेकिन पंजाब में बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं को कंपनियां बिना वेतन दिए ही धक्केशाही कर रही हैं, वहीं राज्य सरकार के मुख्यमंत्री वे दावे करते नहीं थकते, वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमें हमारी नौकरी पर बहाल किया जाए और बकाया वेतन का भुगतान किया जाए।
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