पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में गीता मनीषी का अहम योगदान
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता ज्ञान संस्थान के जीओ गीता म्यूजियम का किया अवलोकन
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 दिसंबर - कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का अहम योगदान है। इन्हीं के प्रयासों से ही आज सरकार के माध्यम से विदेशों में भी गीता महोत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गीता महोत्सव के दौरान गीता ज्ञान संस्थानम के जीओ गीता म्यूजियम का अवलोकन किया और कृपा बिहारी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के उपरांत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आशीर्वाद लिया।
गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने और इस ग्रंथ को विश्व स्तर पर पहचान करवाने का श्रेय भी गीता मनीषी को ही जाता है। गीता मनीषी गौ माता और गीता के लिए हमेशा प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। उनके इस मिशन में जो लोग सहयोग दे रहे हैं वह भी साधुवाद के पात्र हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गीता में कहा गया है कि कर्म करो लेकिन इसमें लिप्त नहीं होना चाहिए। गीता भारतीय दर्शन की जीवन पद्धति है। भगवान कृष्ण का जीवन चिन्तन है। गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है। गीता हमें मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाती है। जो अनुकूलता है, वहीं सुख है और जो अनुकूल न आए वह दुख है। गीता भारतीय परंपराओं का अद्भुत ग्रंथ है। पवित्र ग्रंथ गीता किसी एक धर्म की नहीं बल्कि समस्त मानव जाति को जीने की कला सिखाती है।
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