बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ चंडीगढ़ कांग्रेस करेगी राजभवन का घेराव
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 10 दिसम्बर। चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए 14 दिसंबर को पंजाब राजभवन की ओर मार्च करेगी और उसका घेराव करेगी क्योंकि इससे चंडीगढ़ के निवासियों पर भारी बोझ पड़ेगा और उनके बिजली के बिल कई गुना बढ़ जाएंगे जो आम जनता को लूटने और एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का प्रयास है और इसे कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी और इस कदम का पुरजोर विरोध करेगी।
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने आज सभी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, राजनीतिक दलों, नगर पार्षदों, उद्योगपतियों दुकानदारों और सभी हितधारकों से इस मार्च में शामिल होने की अपील की। लक्की ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से भी आग्रह किया कि वे चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करें। लक्की ने कहा, प्रशासक एक अनुभवी राजनेता हैं और वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं और वे इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और उनसे न्याय की उम्मीद है।
इस सौदे में घोर अनियमितताएं हैं और
कांग्रेस पार्टी शहर निवासियों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि एक भ्रष्ट कंपनी को यह डील दी गई। इस डील में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। यह अविश्वसनीय है कि कोई ग्लोबल टेंडरिंग नहीं की गई और इसके बजाय ऑफ लाइन टेंडर आमंत्रित किए गए, जबकि 10 लाख से अधिक के टेंडर ऑनलाइन आमंत्रित किए जाने चाहिए। वर्तमान कंपनी को टेंडर वापस बुलाकर भाग लेने का विशेष अवसर दिया गया। यूटी बिजली विभाग पिछले कई सालों से लाभ में रहा है और चंडीगढ़ में बिना किसी बड़ी शिकायत के अच्छी सेवा दे रहा है। यह आश्चर्य की बात है कि ऐसा लाभ कमाने वाला विभाग अब एक ऐसी कंपनी को दिया जा रहा है, जिसे बिजली वितरण को संभालने का कोई अनुभव नहीं है और सभी संपत्तियां 1 रुपये की मामूली कीमत पर हस्तांतरित की जा रही हैं। जो उक्त कंपनी को लाभ पहुंचाने के गुप्त इरादे को दर्शाता है। लक्की ने आगे कहा कि चंडीगढ़ में बिजली की दरें सबसे कम हैं और कंपनी को विभाग सौंपने से चंडीगढ़ के निवासियों पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और आने वाले दिनों में निवासियों को बिजली के बिलों में भारी नुकसान होगा। घरेलू यूनिट की न्यूनतम दर अब 2 महीने में 300 यूनिट तक 2.75 पैसे हो गई है। जो कई गुना बढ़ जाएगी और चंडीगढ़ की आम जनता के हितों के लिए हानिकारक होगी। लकी ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासक को सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में इस सौदे को तुरंत रद्द कर देना चाहिए। यहां यह याद रखना चाहिए कि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने भी यूटी पावरमैन यूनियन के मुद्दे का समर्थन किया है और इस जनहित के मुद्दे को पहले भी उठाया है।
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