शंभू बॉर्डर पर बढ़ा तनाव, किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन का भी किया इस्तेमाल, कई किसान घायल
बाबू शाही ब्यूरो
चंडीगढ, 14 दिसम्बर। शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया है। किसानों द्वारा एकजुट होकर प्रदर्शन किया जा रहा था, जिसका विरोध करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कई किसान घायल हो गए हैं।
किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस की कार्रवाई अकारण थी, जबकि प्रशासन का कहना है कि प्रदर्शन में हिंसा के डर से यह कदम उठाया गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस ने बड़ी संख्या में बल तैनात कर दिया है।
प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी, और वे अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे। इस घटनाक्रम से इलाके में तनाव बढ़ गया है, और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र को संवेदनशील घोषित कर दिया है। शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच कर रहा था. इस दौरान पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के जरिए उनको रोकने का प्रयास किया. एक ओर किसान आगे जाने के लिए पुलिस से रास्ता मांग रहे हैं. तो वहीं, पुलिस किसानों से दिल्ली जाने की अनुमति दिखाए जाने की मांग कर रही है. इस बीच किसान और पुलिस दोनों एक दूसरे पर हावी नजर आए।
पुलिस की कार्रवाई से किसानों में भगदड़ मच गई है. कई किसानों के घायल होने की बात कही जा रही है. वहीं, किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने का आरोप है कि पुलिस किसानों पर गंदा पानी फेंक रही है. किसानों पर केमिकल वाला स्प्रे किया जा रहा है. वहीं, हरियाणा की तरफ से ड्रोन से भी आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. इसमें एक किसान बुरी तरह घायल हुआ है। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के आरोप का अंबाला डीएसपी रजत गुलिया ने खंडन किया है. उन्होंने कहा कि जैसे ही किसानों का जत्था आगे बढ़ा हमारे अधिकारियों ने उनसे बातचीत शुरू की. इस दौरान एक किसान ने पीछे से आकर एक रस्सी के जरिए हुक लगाकर जाली तोड़ने का प्रयास किया. इसके बाद वाटर कैनन का किसानों पर इस्तेमाल किया गया. ये पानी सादा था. इसमें कोई केमिकल नहीं था।
किसानों ने सुरक्षा बलों से अनुरोध किया कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने दिया जाए. मौके पर मौजूद एक किसान नेता ने पुलिस से बात की और कहा, "एसपी साहब, हम शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाना चाहते हैं, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमारे विरोध को न रोकें, कृपया हमें रास्ता दें. हमें आगे बढ़ने दिया जाना चाहिए.हमारी आवाज को इन लोहे और पत्थर के अवरोधों से नहीं दबाया जाना चाहिए।
अंबाला के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यदि आप दिल्ली जाना चाहते हैं, तो आपको उचित अनुमति लेनी चाहिए और एक बार आपको अनुमति मिल जाने के बाद, हम आपको जाने की अनुमति देंगे. कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने किसानों को आंदोलन स्थगित करने की नसीहत दे डाली है. अनिल विज ने कहा कि किसानों की चर्चा सुप्रीम कोर्ट से चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि किसानों के साथ जो चर्चा चल रही है, वह ठीक ट्रैक पर है. उसके लिए हमें थोड़ा समय चाहिए. ऐसे में किसानों को थोड़े समय के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर देना चाहिए. मुझे लगता है कि किसानों को सुप्रीम कोर्ट की बात मान लेनी चाहिए।
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