दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के लिए मोबाइल टावरों को मंजूरी देने पर चंडीगढ़ एमसी के कार्यकारी इंजीनियर की बढ़ी मुश्किले
नियमो को ताक पर रखकर एक्शन ने लगवाए मोबाइल टावर
निगम को लाखों का नुकसान, आयजको को करोड़ों का मुनाफा
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 15 दिसम्बर। पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ के आगामी कॉन्सर्ट के लिए मोबाइल टावरों की मंजूरी देने को लेकर चंडीगढ़ नगर निगम (एमसी) के कार्यकारी इंजीनियर मुश्किलों में घिर गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह मंजूरी नियमों के तहत दी गई थी या किसी प्रकार का उल्लंघन हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, दिलजीत दोसांझ का यह कॉन्सर्ट चंडीगढ़ के एक प्रमुख स्थल पर आयोजित होने वाला है, जहां भारी संख्या में लोग जमा हो सकते हैं। इस दौरान कॉन्सर्ट के प्रबंधन के लिए जरूरी तकनीकी सुविधाओं को पूरा करने के लिए मोबाइल टावरों की आवश्यकता पड़ी। लेकिन सवाल यह है कि क्या इन टावरों की मंजूरी सही प्रक्रियाओं के तहत दी गई है और क्या इससे आसपास के इलाकों में कोई सुरक्षा खतरा उत्पन्न हो सकता है।
चंडीगढ़ एमसी के कार्यकारी इंजीनियर के खिलाफ अब अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है, क्योंकि इस मामले में नियमों की अनदेखी की संभावना जताई जा रही है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल टावरों की स्थापना से संबंधित मानक और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर एमसी क्या कदम उठाता है और इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता ने मेयर व निगम के नियमों को ताक पर रखकर अपने लेवल पर ही टावर लगवा दिए। जिसे आयोजकों को करोड़ों का फायदा हुआ है वही निगम को भारी नुकसान हुआ।
चंडीगढ़ के सेक्टर-34 प्रदर्शनी मैदान में गायक दिलजीत दोसांझ के संगीत कार्यक्रम के दौरान भारती एयरटेल लिमिटेड को तीन अस्थायी मोबाइल टावर लगाने की अनुमति देने के मामले में नगर निगम के सड़क प्रभाग के एक कार्यकारी अभियंता के खिलाफ जांच शुरू की गई है। आरोप है कि इन टावरों को लगाने के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं ली गई और यह कार्य अनाधिकृत रूप से किया गया।
इस मामले में एयरटेल को नगर निगम के खाते में 20,000 रुपये प्लस जीएसटी जमा करने का निर्देश दिया गया है, जो कि कथित तौर पर नेटवर्क कवरेज सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। नगर निगम अब यह जांच कर रहा है कि यह अनुमति किस आधार पर दी गई और क्या नियमानुसार प्रक्रिया का पालन हुआ था।
नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि यदि अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच जारी है।
नगर निगम पार्षद प्रेमलता ने पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ के आगामी कॉन्सर्ट के प्रोग्राम पर परमिशन देने व मामले में नगर निगम के अधिकारियों पर सवाल उठाए थे, प्रेमलता का कहना था कि अभिनेता व आयोजन करोड़ो रुपये कमाकर ले जाएंगे, मगर निगम को क्या फायदा होगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने तो 30000 पर लेकर बुकिंग कर दी मगर नगर निगम को इससे कुछ भी हासिल होने वाला नहीं नगर निगम के अधिकारी निगम को चूना लगा रहे हैं। निगम के अधिकारियों ने बिना परमिशन के ही मोबाइल टावर लगवा दिए गए जो की जांच का विषय है। इस मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यकारी अभियंता को ऐसी अनुमति देने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनुमतियाँ बुकिंग शाखा या नगर निगम आयुक्त द्वारा जारी की जानी चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। यदि जांच में अधिकारी को गलत कार्य में दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह बयान पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के इरादे से दिया गया है।
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