चंडीगढ़ व उप्र डिस्कॉम निजीकरण के खिलाफ बिजली व अभियंता हुए लामबंद
निजीकरण के खिलाफ 31 जनवरी को देशभर में होंगे विरोध प्रदर्शन : सुभाष लांबा
रमेश गोयत
चंडीगढ़,24जनवरी। चंडीगढ़ बिजली विभाग और उप्र डिस्कॉम के किए जा रहे निजीकरण के खिलाफ देशभर के बिजली कर्मचारी एवं अभियंता लामबंद हो गए हैं। उन्होंने बिजली निजीकरण की मुहिम के खिलाफ 31 जनवरी को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 31 जनवरी को विधुत विभाग को निजी कंपनी को हैंडओवर करने का फैसला लिया हुआ है। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर (एनसीसीओईईई) के सदस्य एवं इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईईएफआई) के नेशनल वाइस प्रेसिडेंट सुभाष लांबा ने बताया कि पिछले करीब तीन महीने से बिजली निजीकरण के फैसले के खिलाफ चंडीगढ़ की जनता और कर्मचारी रोजाना सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस निजीकरण के खिलाफ राजनैतिक दल भी विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन भी दे चुके है। इसके बावजूद चंडीगढ़ प्रशासन, जनता एवं कर्मचारियों के संगठनों से कोई संवाद तक करने को तैयार नहीं है। चंडीगढ़ प्रशासन ने 31 जनवरी को चंडीगढ़ पावर डिपार्टमेंट को निजी कंपनी को हैंडओवर करने का फैसला लिया गया है। चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों ने पहली फरवरी से निजी कंपनी के मातहत काम करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर चंडीगढ़ में एक आमसभा आयोजित की जा रही है। जिसमें कर्मचारी एवं उपभोक्ता शामिल होंगे। जन सभा के दौरान बिजली निजीकरण के खिलाफ एक लाख उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन महामहिम राज्यपाल को सौंपा जाएगा। आम जनता की ओर से दिए जाने वाले ज्ञापन में प्रशासन से सवाल पूछे जाएंगे कि देश में लगभग सबसे सस्ती दरों पर बिजली आपूर्ति करने के बावजूद प्रति वर्ष करीब दो सौ करोड़ रुपए मुनाफा कमाने वाले चंडीगढ़ बिजली विभाग को कौड़ियों के भाव में क्यों बेचा जा रहा है। यह भी सवाल किया जाएगा कि परिसंपत्तियों का मूल्यांकन किए बिना किस आधार पर नीलामी के लिए बेस प्राइस निर्धारित की गई। उन्होंने बताया कि यह भी सवाल उठाया जाएगा कि सरकार कर्मचारियों को किस कानून से प्राइवेट कंपनी के मातहत ट्रांसफर किया जा रहा है। श्री लांबा ने बताया कि इसी तरह उप्र सरकार ने भी पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का फैसला कर लिया है। इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बृहस्पतिवार को लखनऊ में महत्वपूर्ण बैठक की जा रही है। जिसके खिलाफ सभी राज्यों की राजधानियों में विरोध प्रदर्शन एवं प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जा रही है।
*पड़ोसी राज्यों के बिजली कर्मचारी चंडीगढ़ में नहीं जाएंगे*
ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के राज्य अध्यक्ष एवं ईईएफआई के वाइस प्रेसिडेंट सुरेश राठी, टैक्निकल सर्विसेज यूनियन पंजाब के अध्यक्ष एवं ईईएफआई के वाइस प्रेसिडेंट रतन सिंह मुजारी, हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्पलाइज यूनियन के महासचिव एवं ईईएफआई के वाइस प्रेसिडेंट हीरा लाल वर्मा, एमएसयू पंजाब के जरनल सेकेट्री हरपाल सिंह व जम्मू-कश्मीर बिजली एम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष इकबाल सिंह व महासचिव मोहम्मद अब्दुल नजार ने कहा कि अगर चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारी पहली फरवरी से निजी कंपनी के मातहत काम नहीं करेंगे तो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के कर्मचारी चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति के लिए नहीं जाएंगे। अगर मैनेजमेंट ने अनावश्यक दबाव बनाया गया तो इन राज्यों में भी बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाने पर मजबूर होंगे।
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