सटीक रणनीति ही बनेगी नशा मुक्त पंजाब का आधार- राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया
पंजाब में नशे की समस्या: महिलाओं पर बोझ को उजागर करना" विषय पर कार्यक्रम
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 24 जनवरी। राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के द्वारा पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को "पंजाब में नशे की समस्या: महिलाओं पर बोझ को उजागर करना" विषय पर एक भव्य उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय के लॉ ऑडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस कार्यक्रम की शुरुवात राष्ट्रीय गान व सरस्वती माता को प्रणाम करके दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके उपरांत राष्ट्रीय महिला आयोग की मेंबर सचिव मीनाक्षी नेगी के द्वारा सभी को इस कार्यक्रम के बारे में बड़े ही विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने अपने उद्बोधन में पंजाब में नशे की बढ़ती समस्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा पंजाब गुरुओं और पीरों की पवित्र धरती है। यहां के लोगों में नैतिक और सांस्कृतिक ताकत है। यदि इस पवित्र धरती से प्रण लिया जाए तो नशे की समस्या को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं और महिलाओं को इस आंदोलन का केंद्र बिंदु बनाने पर जोर दिया और नशा मुक्त पंजाब के सपने को साकार करने की अपील की ताकि जमीनी स्तर पर नशे की समस्या का समाधान किया जा सके। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजय किशोर ने महिलाओं पर नशे के प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे का संकट न केवल व्यक्तिगत जीवन को बल्कि परिवारों और समाज की नींव को भी हिला रहा है। उन्होंने समाज को जागरूक करने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक ठोस रणनीति बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेनू विग ने आए हुए अतिथियो को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया और अपने उद्बोधन में उन्होंने आए हुए गणमान्य अतिथियों को यह विश्वास दिलाया किया कि पंजाब यूनिवर्सिटी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पूर्ण रूप से अपना सहयोग देगी ताकि आने वाले समय में पंजाब से नशे की समस्या पूर्ण रूप से खत्म हो सके। इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रो. वाई.पी वर्मा भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में उदघाटन सत्र के दौरान इतिहास विभाग से प्रो.अंजू सूरी के द्वारा मंच संचालन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के बाद गोल्डन जुबली गेस्ट हाउस, पीयू के सेमिनार हाल में स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा का एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और सामुदायिक प्रतिनिधियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य यह था कि नशा मुक्ति अभियान को स्थानीय स्तर पर कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों, शैक्षिक संस्थानों और कार्यस्थलों पर जागरूकता फैलाने की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। राष्ट्रीय महिला आयोग की मेंबर सचिव मीनाक्षी नेगी व अन्य गणमान्य सदस्यों ने इस चर्चा में मार्गदर्शन प्रदान करते हुए नशे के खिलाफ अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के सुझाव दिए। इस कार्यक्रम के अंत में सेंटर फॉर दी स्टडी ऑफ सोशल इंक्लूजन के निदेशक व कार्यक्रम आयोजक प्रो. वीरेंद्र कुमार नेगी के द्वारा आए हुए सभी सदस्यों का धन्यवाद किया गया और राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्यों को यह विश्वास दिलाया गया कि भविष्य के प्रयासों व कार्यों के लिए उनका विभाग अलग अलग तरह की गतिविधियों का आयोजन करेगा ताकि समाज से नशे जैसी समस्याओं को जड़ से खत्म किया जा सके। इस कार्यक्रम में 1200 से ज्यादा शिक्षाविदों, छात्रों व सामाजिक संगठनों के सदस्यों के द्वारा अपनी सहभागिता दर्ज की गई। इसके साथ ही इस अवसर पर पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ के सभी प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद्, शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।
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