चंडीगढ़ ने 2016 से कल्याण पेंशन में संशोधन नहीं किया : तिवारी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 मार्च। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने आज खुलासा किया है कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन ने 2016 से सामाजिक कल्याण पेंशन को संशोधित नहीं किया है और न ही केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने इसे संशोधित करने के लिए केंद्र को कोई प्रस्ताव भेजा है।
इस बात का खुलासा करते हुए, तिवारी ने कहा कि उन्होंने संसद में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या और इन पेंशनों को कब संशोधित किया गया, इस बारे में सवाल उठाया था।
सांसद ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री ने खुलासा किया है कि यूटी चंडीगढ़ में वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांग व्यक्तियों के लिए पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की दरों को 2016 में संशोधित किया गया था।
इसी प्रकार, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगता पेंशन की दरों को दिसंबर 2017 में संशोधित किया गया था।
तिवारी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में संशोधन के लिए कोई प्रस्ताव भी नहीं भेजा है। एक उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए पेंशन की विभिन्न श्रेणियों को संशोधित करने, जिससे इसे पंजाब और हरियाणा के बराबर लाया जा सके, के लिए 2011, 2012 और 2016 के बाद भारत सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।
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