हरियाणा पुलिस ने कानूनी कार्यवाही व जांच के लिए संबंधित बैंको को 3 लाख 43 हजार फर्जी बैंक खातों की सूची सौंपी
हरियाणा पुलिस की प्रभावी रणनीति से साइबर अपराधियों के हौंसले हुए पस्त, राज्य में रोजाना 21 साइबर अपराधियों को पहुंचाया सलाखो के पीछे
फरवरी-2024 की तुलना में फरवरी-2025 में ठगी गई राशि में भी उल्लेखनीय गिरावट, घटकर आधे से भी हुई कम
रमेश गोयत
चंडीगढ, 12 मार्च। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से 1 जनवरी 2024 से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक 3 लाख 43 हजार फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट) की पहचान की गई है। हरियाणा पुलिस द्वारा इसका डेटा संबंधित बैंको को जांच व कानूनी कार्यवाही के लिए भेजा गया है। इस पहल के साथ ही हरियाणा पुलिस ने उन सभी खाताधारको को चेतावनी दी है कि वे अपने बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करें। लोग अपने बैंक खाते में क्रेडिट अथवा डेबिट होने वाली राशि पर नजर रखें।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने बताया कि हरियाणा पुलिस की प्रभावी रणनीति के परिणामस्वरूप साइबर अपराध के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिणाम नजर आ रहे हैं। हरियाणा पुलिस की साइबर अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के परिणामस्वरूप हरियाणा में फरवरी-2024 की तुलना में फरवरी-2025 में साइबर ठगों द्वारा ठगी गई राशि में आधे से भी अधिक गिरावट दर्ज की गई है। फरवरी-2024 में जहां 78.48 करोड़ रूपये की ठगी गई थी वही यह राशि फरवरी-2025 में घटकर 38.97 करोड़ रूपये रह गई जोकि आधे से भी कम है।
इसी प्रकार, हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर ठगों केे चंगुल से बचाई गई राशि जो फरवरी-2024 में 21.57 प्रतिशत थी वह फरवरी-2025 में बढ़कर 23.01 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही, हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों पर भी कड़ी कार्यवाही की जा रही है। वर्ष-2022 में जहां रोजाना 3 साइबर अपराधियों की गिरफतारी की जा रही थी वहीं वर्ष-2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 21 तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस द्वारा फरवरी -2024 की अपेक्षा फरवरी-2025 में लगभग 3 गुना साइबर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।
कपूर ने बताया कि आमजन में साइबर अपराध रोकने के बारे में जागरूकता लाने के लिए मोबाइल फोन पर कॉलर ट्यून के माध्यम से लोगों को साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। हरियाणा पुलिस द्वारा अलग-2 प्लैटफॉर्म जैसे-सोशल मीडिया, वर्कशॉप तथा अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली के बारे में बताया जाता है। इसके साथ ही हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन की सुविधा के लिए हैल्पलाइन नंबर-1930 पर प्राप्त होने वाली प्रत्येक कॉल को महत्व देते हुए यहां पर तैनात कर्मियों की संख्या को भी दो से तीन गुना बढ़ाया गया है ताकि प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही की जा सके।
हरियाणा पुलिस प्रदेश में साइबर अपराधियों के नेक्सस को तोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीकें से काम किया जा रहा है। हालांकि साइबर अपराध एक बड़ी चुनौती है क्योंकि इसमें अपराधी मीलों दूर बैठकर अपराध करता है और रोजाना अलग-2 प्रकार के तरीके अपनाते हुए लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाता है। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले अलग-2 तरीकों को लेकर साइबर विशेषज्ञों के साथ मंथन किया जाता है ताकि ना केवल लोगों को इसका शिकार होने से बचाया जा सके बल्कि साइबर अपराधियों को सलाखो के पीछे पहुंचाया जा सके।
कपूर ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि तकनीक के इस दौर में ज्यादातर लोग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है। यदि कोई भी व्यक्ति फोन करके स्वयं को सीबीआई, ईडी या पुलिस का अधिकारी बताकर डिजीटल अरेस्ट की बात कहे तो तुरंत सतर्क हो जाए क्योंकि कोई भी एजेंसी डिजीटल अरेस्ट नही करती है। इसके साथ ही लोग सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर प्रसारित होने वाले फर्जी शेयर ट्रेडिंग के झांसे में ना आएं। निवेश करने से पूर्व कंपनी तथा वैबसाईट की आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें। इसके साथ ही लोग विदेशो, खासतौर पर कंबोडिया, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि से आने वाली व्हाट्सएप वीडियों व ऑडियों कॉल को ना उठाएं। लोग टेलीग्राम व गूगल आदि पर आने वाले फर्जी विज्ञापनों से सावधान रहें। हरियाणा पुलिस द्वारा प्रदेशवासियों को साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों के बारे में अवगत करने के लिए प्रिंट व सोशल मीडिया पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साइबर अपराध से बचाव का एकमात्र उपाय सावधानी व सर्तकता है, इसीलिए लोग सर्तक रहें और साइबर अपराध का अंदेशा होने पर तुरंत हैल्पलाइन नंबर-1930 पर संपर्क करें।
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