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चंडीगढ़, 01 सितम्बर 2024। जेल सुपरिटेंडेंट सुनील सांगवान ने भौंडसी (गुरुग्राम) जेल सुपरिटेंडेंट पद से इस्तीफा दे दिया। सुनील सांगवान पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे है। सुनील सांगवान चरखी दादरी सीट से भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं। सुनील सांगवान ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को वीआरएस के लिए पत्र भेजा है। सुनील सांगवान करीब साढ़े 22 साल से सरकारी सेवा में हैं। सुनील के पिता सतपाल सांगवान ने भी टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद से इस्तीफा देकर राजनीति में कदम रखा था और चरखी दादरी से बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। सतपाल सांगवान ने दो महीने पहले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा जॉइन की थी। सुनील सांगवान के दो बच्चे हैं और दोनों ही आर्मी में कैप्टन हैं। पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान हरियाणा के पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल को अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं और वे उनके करीबी भी रहे हैं। बंसीलाल का परिवार अब भाजपा में हैं। उनकी राजनीति विरासत संभाल रही किरण चौधरी भाजपा से राज्यसभा सदस्य हैं। सुनील सांगवान की पहली पोस्टिंग जनवरी-2002 में गुरुग्राम जेल में बतौर डिप्टी सुपरिटेंडेंट हुई थी। अब इसी जेल के सुपरिटेंडेंट रहते हुए सरकारी सेवाओं से इस्तीफा दिया है। सतपाल सांगवान 1996 में हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर पहली बार चरखी दादरी के विधायक बने थे और बाद में कई चुनाव लड़े। 2009 में वे हरियाणा जनहित पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीते और विधायक बने। उसके बाद भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सहकारिता मंत्री बने। 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर उन्हें हार झेलनी पड़ी थी। वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट कटने पर जजपा में शामिल हो गए थे और विधानसभा का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सोमबीर सांगवान से उन्हें मात दी थी और सतपाल सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे। आज भी सतपाल सांगवान को बंसीलाल के बुलडोजर के नाम से जाने जाते हैं। हरियाणा का पहला ऐसा राजनीतिक परिवार, जिसके दोनों बच्चे आर्मी में सेवाएं दे रहे। सुनील सांगवान को बेटा और बेटी दोनों आर्मी कैप्टन में हैं।
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