कैथल में अवैध लिंग परीक्षण का भंडाफोड़, मामला दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
बाबूशाही ब्यूरो
कैथल, 23 मार्च। हरियाणा के कैथल जिले के गांव मानस में एक घर के कमरे में अवैध रूप से अल्ट्रासाउंड मशीन लगाकर भ्रूण लिंग जांच करने के मामले का खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया गया। मामले में आरोपी ऋषिपाल के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर यह कार्रवाई की। इस दौरान आरोपी के पास से 2009 मॉडल की एक अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद हुई, जिसके संबंध में वह कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। स्वास्थ्य विभाग की शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी के पास इस मशीन को खरीदने या संचालित करने का कोई लाइसेंस नहीं था।
पीएनडीटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई
इस मामले में सिविल अस्पताल के पीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के जिला नोडल अधिकारी डॉ. गौरव पूनिया के बयान दर्ज किए गए हैं। डॉ. पूनिया ने बताया कि आरोपी लंबे समय से अवैध रूप से लिंग परीक्षण का काम कर रहा था। टीम ने मौके पर पूरी जांच-पड़ताल की और सभी जरूरी सबूत एकत्रित किए।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह मामला पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें भ्रूण लिंग जांच पर सख्त प्रतिबंध है। यह कानून देश में लिंगानुपात को संतुलित करने और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के उद्देश्य से लागू किया गया था।
आज कोर्ट में पेश होगा आरोपी
पुलिस ने आरोपी ऋषिपाल को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस पूरे मामले की तहकीकात कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी को मशीन कहां से मिली और वह अब तक कितने भ्रूण लिंग परीक्षण कर चुका है।
आज आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस उसकी रिमांड लेने की मांग कर सकती है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
कैथल पुलिस ने लोगों से की अपील
कैथल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी इस तरह की अवैध गतिविधियां हो रही हों, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग जांच समाज के लिए एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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