बड़ी खबर: श्री अकाल तख्त साहिब गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी होने पर संज्ञान लेगा और कार्रवाई करेगा - जत्थेदार गर्गज का बड़ा ऐलान
श्री अकाल तख्त साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी का संज्ञान लेगा और सख्त कार्रवाई करेगा: जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज
लुधियाना की सिंह सभाओं और धार्मिक संगठनों ने जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज का भव्य सम्मान किया
जत्थेदार गर्गज ने पंथिक एकता का आह्वान किया, कहा कि सिख संस्थाएं एकता से ही चुनौतियों का सामना कर सकती हैं
अमृतसर, 24 मार्च - श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार एवं तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज को आज लुधियाना के पुरानी सब्जी मंडी क्षेत्र में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में विशेष गुरमत समागम में सभी सिंह सभाओं एवं धार्मिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा की।
जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब और सिख संस्थाएं आज पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को लेकर बेहद चिंतित हैं। उन्होंने घोषणा की कि यदि कहीं भी पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सम्मान में कोई कमी आई और बेअदबी की कोई घटना घटी तो श्री अकाल तख्त साहिब इसका संज्ञान लेगा और सख्त कार्रवाई करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में शिकायत मिले या न मिले, यदि घटना घटित होती है तो श्री अकाल तख्त साहिब स्वयं कार्रवाई करेगा। उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों को गुरु साहिब के सम्मान और गरिमा का विशेष ध्यान रखने तथा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा निर्धारित नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा।
जत्थेदार गर्गज ने हाल ही में सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में सोदर रहरास साहिब पाठ के दौरान एक व्यक्ति द्वारा बाड़ कूदकर बेअदबी की घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा डीएनए टेस्ट के जरिए आरोपी की पहचान करने की मांग के बावजूद सरकार अब तक उसकी पहचान उजागर क्यों नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार उस व्यक्ति के पीछे काम कर रही ताकतों को बेनकाब करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने पूरे पंथ से इस संबंध में आवाज उठाने का आह्वान किया।
जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज ने सभी पंथक संगठनों से एकजुटता का आह्वान किया और कहा कि आज सिख संगठनों के सामने जो चुनौतियां हैं, उनका मुकाबला गुरु के एकता के सिद्धांत से ही किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सिखों में मतभेद पहले भी थे और आज भी हैं, लेकिन आज सिख संस्थाओं के सामने चुनौतियों को देखते हुए तथा सिख संस्थाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हम गुरु साहिब के सिद्धांतों के अनुसार एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि सरकारों ने समय-समय पर सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थल सचखंड श्री हरमंदिर साहिब तथा सर्वोच्च धार्मिक स्थल श्री अकाल तख्त साहिब को ध्वस्त करने का प्रयास किया है, लेकिन सिखों ने हमेशा इन धार्मिक स्थलों के लिए लड़ाई लड़ी है तथा भविष्य में भी लड़ते रहेंगे। गुरुओं ने एक अनोखा समुदाय बनाया है जो सभी का कल्याण चाहता है। उन्होंने कहा कि आज सिखों और सिख संस्थाओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्हें दिल्ली से एक बयान सुनने को मिला कि सिख जेल में गुरबाणी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि सिख केवल जेलों में ही गुरबाणी नहीं पढ़ते, बल्कि जब उन्हें चरखे पर बिठाया जाता है, तब भी सिख गुरबाणी पढ़ते हैं। जब दिल्ली के चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर पातशाह और उनके नौ सिख शहीद हुए, तब भी वे गुरबाणी पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरबाणी सिखों का आधार और जीवन है, जिससे सिख कभी अलग नहीं हो सकता।
सिख संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को दी जा रही चुनौतियों के मद्देनजर जत्थेदार कुलदीप सिंह गरगज्ज ने कहा कि जो लोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु नहीं मानते और भौतिक गुरु के आगे नतमस्तक होते हैं और अमृत भी नहीं चखते, वे भी आज सिख संगठन का विरोध करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर सिख संस्थाओं से उनके सामने आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर पंथिक एकता के लिए जोरदार अपील की।
पंजाब में नशे की समस्या पर बात करते हुए जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्ग ने कहा कि केवल पंथ ही नशे को रोक सकता है और पंथ के बिना बाकी सभी लोग सिखों का विनाश चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आज ‘नानक नाम चढ़दी कला तेरे भाणे सरबत दा भला’ के सिद्धांत को मिशन के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि हर सिख एक प्रचारक है जो गुरु नानक देव जी के संदेश को घर-घर पहुंचा सकता है और नशे की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकता है।
अंत में उन्होंने खालसा पंथ को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुद्वारे सिखों के लिए प्राणों से भी अधिक प्रिय हैं तथा जो भी पंथ विरोधी ताकतें इन गुरुद्वारों पर कब्जा करना चाहेंगी, उन्हें वे ऐसा नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सिख को पंथ की उन्नति के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संप्रदाय को बांटने वाली ताकतें चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, गुरु का संप्रदाय उन्हें कभी सफल नहीं होने देगा और एकजुटता के साथ उनका विरोध करेगा।
सिंह सभाओं के संस्थापकों को याद करते हुए जत्थेदार गर्गज ने सभी सिंह सभाओं और धार्मिक संगठनों को इस सम्मान के लिए धन्यवाद दिया और आश्वासन दिया कि जहां भी पंथ अपनी आवाज उठाएगा, वे वहां मौजूद रहेंगे।
इस अवसर पर विभिन्न सिंह सभा गुरुद्वारों के अध्यक्ष उपस्थित थे, जिनमें स. हीरा सिंह गाबड़िया, एस. महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, बाबा अजीत सिंह, स. बलविंदर सिंह लायलपुरी, स. प्रितपाल सिंह, स. गुरमीत सिंह, स. रणजोध सिंह, स. इंद्रजीत सिंह मक्कड़, स. गुरदेव सिंह, स. हरप्रीत सिंह बेदी, स. कुलविंदर सिंह बेनीपाल, स. जगजीत सिंह, स. रखविंदर सिंह, स. चतरवीर सिंह, स. रछपाल सिंह, स. अंग्रेज सिंह, एस. जसदीप सिंह, स. सुरजीत सिंह, बीबी गुरदीप कौर, स. गुरप्रीत सिंह आदि शामिल थे।
केके
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