चंडीगढ़ से हो रही अवैध शराब तस्करी, प्रशासन रोकने में नाकाम
पंचकूला में पकड़ी चंडीगढ शराब की 70 पेटी
शराब माफिया सस्ते रेट पर उपलब्ध "फॉर सेल इन चंडीगढ़" शराब को अन्य राज्यों में ऊंचे दामों पर बिक रही
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 24 मार्च: चंडीगढ़ से हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में अवैध शराब तस्करी लगातार बढ़ती जा रही है। शराब माफिया सस्ते रेट पर उपलब्ध "फॉर सेल इन चंडीगढ़" शराब को अन्य राज्यों में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं, जिससे प्रशासन को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
होटलों और बारों में भी सप्लाई हो रही ‘फॉर सेल इन चंडीगढ़’ शराब
शहर के कई बार और होटल भी इस अवैध तस्करी में शामिल हैं। हाल ही में, शिकायत मिलने के बाद आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने पंचकूला के कुछ बार और होटलों पर छापा मारा था, जहां से बिना लाइसेंस की विदेशी शराब और "फॉर सेल इन चंडीगढ़" लिखी शराब की भारी खेप बरामद हुई।
पंचकूला पुलिस ने अवैध शराब तस्कर को पकड़ा, 70 पेटी शराब बरामद
पंचकूला पुलिस अवैध शराब तस्करी के खिलाफ सख्त अभियान चला रही है। पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य के निर्देशानुसार, क्राइम ब्रांच-26 की टीम ने नाकाबंदी के दौरान एक शराब तस्कर को पकड़ा।
गुप्त सूचना के आधार पर, सब-इंस्पेक्टर मनदीप की टीम ने माता मनसा देवी रोड पर एक बोलेरो गाड़ी को रोका, जिसमें 70 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब (कुल 840 बोतलें) सेल फ़ॉर चंडीगढ बरामद की गईं। पकड़े गए आरोपी की पहचान मनीष शर्मा (निवासी रामगढ़, पंचकूला, हाल निवासी पंजाब कॉलोनी, मोहाली) के रूप में हुई है।
पूछताछ में आरोपी कोई लाइसेंस या परमिट पेश नहीं कर सका। इसके बाद थाना मनसा देवी में हरियाणा आबकारी अधिनियम 2020 की धारा 61(1)(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया और आरोपी को अदालत में पेश कर दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
प्रशासन की लापरवाही से तस्करों को फायदा
सूत्रों के अनुसार, चंडीगढ़ प्रशासन इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। आबकारी कराधान विभाग की लचर व्यवस्था और अधिकारियों की लापरवाही के कारण तस्करों की मोटी कमाई जारी है। पंचकूला में तो स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि आबकारी कराधान कमिश्नर का चार्ज एडिशनल चार्ज के सहारे चल रहा है, जिससे विभाग में अनदेखी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
क्यों हो रही है चंडीगढ़ से शराब तस्करी?
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सस्ती कीमतें: चंडीगढ़ में शराब की कीमतें हरियाणा और पंजाब की तुलना में कम हैं, जिससे तस्करों को अच्छा मुनाफा होता है।
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कमीशन का खेल: आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से शराब ठेकेदारों को तस्करी में मदद मिलती है।
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कम जांच-पड़ताल: पुलिस और प्रशासन की लचर कार्रवाई से शराब माफिया बेखौफ होकर धंधा चला रहे हैं।
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अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं
हालांकि प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई के दावे करता है, लेकिन यह छापेमारी सिर्फ शिकायत आने के बाद ही होती है। जमीनी स्तर पर अभी तक कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है, जिससे तस्करी पर पूरी तरह रोक लग सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि चंडीगढ़ प्रशासन इस पर सख्ती से रोक नहीं लगाता, तो आने वाले समय में यह कारोबार और भी तेजी से बढ़ सकता है, जिससे सरकारी राजस्व का भारी नुकसान होगा।
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