चंडीगढ़ प्रशासन ने किया सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) के पद पर बदलाव, पवन शर्मा को अस्थायी चार्ज देने पर उठा विवाद
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 24 मार्च 2025 – चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग में एक ठेकेदार द्वारा पैसों के लेंन- दें को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसकी जांच चंडीगढ़ का विजिलेंस विभाग कर रहे है, ह मामला अभी अभी शांत भी नही हुआ था, दूसरा मामला एसई इलेक्ट्रिकल में एक बिजली विंग के एक्सन को देने पर खड़ा हो गया है। सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल सर्कल) के पद पर बड़ा बदलाव किया गया है। मुख्य सचिव, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के आदेशानुसार, इंजीनियर अनिल धमीजा से यह अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। यह निर्णय 5 मार्च 2025 को उनके द्वारा खराब स्वास्थ्य के कारण किए गए अनुरोध के बाद लिया गया।
प्रशासन ने इंजीनियर पवन कुमार शर्मा को इस पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। वे पहले से कार्यकारी अभियंता (मुख्यालय) के रूप में कार्यरत हैं और अब यह अतिरिक्त जिम्मेदारी भी निभाएंगे। हालांकि, यह नियुक्ति अस्थायी (स्टॉप गैप) व्यवस्था के तहत की गई है, जब तक कि इस पद को प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) के आधार पर स्थायी रूप से नहीं भरा जाता। इस अतिरिक्त जिम्मेदारी के लिए उन्हें कोई अतिरिक्त वेतन नहीं दिया जाएगा।
ईलेक्ट्रिसिटी के एक्सन को इलेक्ट्रिकल एसई का चार्ज, उठा विवाद
⚡ पवन शर्मा का सितंबर 2024 में इस्तीफा और आईआईटी दिल्ली में नियुक्ति
सूत्रों के अनुसार, पवन शर्मा ने सितंबर 2024 में चंडीगढ़ इंजीनियरिंग विंग की इलेक्ट्रिसिटी विंग से इस्तीफा देकर आईआईटी दिल्ली के कैंपस में जॉइन किया था। ऐसे में, उनके वापस लौटने और अब सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) का चार्ज दिए जाने पर प्रशासनिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है।
⚡ सीबी ओझा के करीबी माने जाते हैं पवन शर्मा
सूत्रों का यह भी कहना है कि पवन शर्मा, चीफ इंजीनियर सीबी ओझा के करीबी अधिकारियों में से एक माने जाते हैं। उनके इस पद पर दोबारा नियुक्त होने के पीछे ओझा का हाथ बताया जा रहा है।
⚡ पदभार दिए जाने पर अधिकारियों में असंतोष
पवन शर्मा को सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल) का चार्ज दिए जाने पर विभाग में विरोध शुरू हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि पवन शर्मा ने सितंबर 2024 में इस्तीफा देकर खुद ही ईलेक्ट्रिसिटी विंग छोड़ दी थी, तो अब उन्हें दोबारा इस विंग में क्यों लाया गया?
⚡ फरवरी 2025 में इलेक्ट्रिसिटी विंग प्राइवेट कंपनी को दी जा चुकी
अधिकारियों ने यह भी सवाल उठाया है कि फरवरी 2025 में ही चंडीगढ़ इंजीनियरिंग विंग की इलेक्ट्रिसिटी सेवाओं को एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया था। अब प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रिसिटी के लिए एक अलग कंपनी बना दी गई है, तो ऐसे में पवन शर्मा की यह नई नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है।
प्रशासन ने किया स्पष्ट, पद अस्थायी
चंडीगढ़ प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह एक अस्थायी (स्टॉप गैप) व्यवस्था है और जैसे ही इस पद को डेप्युटेशन पर भरा जाएगा, पवन शर्मा का यह चार्ज खत्म कर दिया जाएगा। हालांकि, विभाग में बढ़ते विरोध को देखते हुए यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या रुख अपनाता है।
चंडीगढ़ प्रशासन का कहना है कि यह केवल एक अस्थायी (स्टॉपगैप) नियुक्ति है और जैसे ही इस पद को प्रतिनियुक्ति (डेप्युटेशन) पर भरा जाएगा, पवन शर्मा का चार्ज समाप्त कर दिया जाएगा।
हालांकि, इस फैसले से इलेक्ट्रिसिटी और इलेक्ट्रिकल विंग के बीच चल रही खींचतान और अधिक बढ़ने की संभावना है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस विवाद को कैसे सुलझाता है।
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