CHD: सरकार ने चंडीगढ़ सचिवालय से गजेंद्र फौगाट को दफ्तर खाली करवाकर प्रवीण अत्रे को दिया, आदेश जारी
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 24 मार्च 2025: हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला जब सरकार ने पूर्व ओएसडी (स्पेशल पब्लिसिटी) गजेंद्र फौगाट को चंडीगढ़ सचिवालय स्थित उनके कार्यालय से हटा दिया। इस संबंध में हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने आधिकारिक आदेश जारी किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि फौगाट द्वारा कब्जा किए गए कमरे को तुरंत खाली करवाकर मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्री को आवंटित किया जाए।
आदेश की मुख्य बातें
मुख्य सचिव द्वारा 18 मार्च 2025 को जारी किए गए आदेश के अनुसार—
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गजेंद्र फौगाट को तुरंत अपना कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया गया।
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मुख्यमंत्री के मीडिया सचिव प्रवीण अत्री को 8वें फ्लोर पर स्थित रूम नंबर 50 आवंटित किया गया, जो पहले फौगाट के कब्जे में था।
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प्रोटोकॉल अधिकारी को 9वें फ्लोर पर रूम नंबर 33 आवंटित किया गया।
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रूम नंबर 29, 9वें फ्लोर पर आईएएस विनय प्रताप सिंह के स्टाफ के साथ साझा करने के लिए उपलब्ध किया गया।
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आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
हरियाणवी कलाकारों के विरोध से बदला सरकार का रुख
यह कदम ऐसे समय में आया है जब गजेंद्र फौगाट का हरियाणवी संगीत इंडस्ट्री के कलाकारों से विवाद चल रहा था। उन्होंने हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा के गाने हटवाने की कोशिश की थी, जिससे पूरे म्यूजिक जगत में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई थी। इस विवाद के कारण मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार को फौगाट से दूरी बनानी पड़ी और उन्हें सचिवालय से बाहर करने का फैसला लेना पड़ा।
रॉकी मित्तल ने उठाए थे सवाल
गजेंद्र फौगाट के खिलाफ हरियाणवी गायक रॉकी मित्तल ने भी सोशल मीडिया पर जमकर मोर्चा खोला था। उन्होंने सवाल किया था कि जब फौगाट किसी पद पर नहीं हैं, तो वे सचिवालय के कार्यालय पर कब्जा जमाए क्यों बैठे हैं? उनकी इस पोस्ट के बाद यह मुद्दा और गर्मा गया और सरकार को कार्रवाई करनी पड़ी।
ओएसडी बनने की उम्मीदों पर पानी फिरा
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई गजेंद्र फौगाट की संभावित दोबारा नियुक्ति की उम्मीदों पर भी पूर्ण विराम लगा सकती है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वे किसी भी सरकारी पद पर नहीं हैं और आगे उनकी नियुक्ति की संभावना भी कम हो गई है।
सरकारी आदेश जारी होने के बाद अब देखना होगा कि गजेंद्र फौगाट इस मामले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह विवाद आगे भी राजनीतिक तूल पकड़ता है या नहीं।
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