चंडीगढ़ में आउटसोर्स्ड वर्करों की भूख हड़ताल 14वें दिन में दाखिल, 8 अप्रैल को सेक्रेटेरिएट का घेराव
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 23 मार्च: आउटसोर्स्ड वर्करों को तीन महीने से वेतन न मिलने के विरोध में कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी एम्प्लॉइज एंड वर्कर्स, यूटी चंडीगढ़ के बैनर तले चल रही भूख हड़ताल आज 14वें दिन में प्रवेश कर गई। वर्करों का कहना है कि वेतन न मिलने से उन्हें आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन उनकी समस्याओं की अनदेखी कर रहा है।
भगत सिंह के शहीदी दिवस पर दी श्रद्धांजलि
आज भूख हड़ताल स्थल मेंटीनेंस बूथ, सेक्टर-16 पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह के विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देते हैं।
भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की सूची
भूख हड़ताल पर अलग-अलग विभागों के 21 कर्मचारी बैठे, जिनमें शामिल हैं:
फॉरेस्ट विभाग: छोटे लाल, प्रेम पाल
नगर निगम (सीवर विभाग): राकेश कुमार
वाटर सप्लाई नगर निगम: हरप्रीत सिंह
रोड एडमिन: विष्णु शाहू
बिल्डिंग मेंटेनेंस: रणजीत, राजपाल
पब्लिक हेल्थ एडमिन: दीपक कुमार, राजू, सलीम, मनोज, हरप्रीत, सुरेश कुमार
इलेक्ट्रिकल एडमिन: पवन कुमार, राज कुमार, जोहनी, संदीप सिंह, शालिग्राम, विनय डोगरा, रमेश कुमार, प्रकाश, अमर, जसविंदर सिंह
कोऑर्डिनेशन कमेटी का प्रशासन पर हमला
कोऑर्डिनेशन कमेटी के प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार, कैशियर किशोरी लाल, अवतार सिंह, वरिंदर बिष्ट और सुखविंदर सिंह ने कहा कि इंजीनियरिंग विभाग के इलेक्ट्रिकल सर्कल, पब्लिक हेल्थ सर्कल, कंस्ट्रक्शन सर्कल, नगर निगम और सीटीयू में कार्यरत आउटसोर्स वर्करों को तीन महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और लेबर विभाग की हिदायतों को अनदेखा किया जा रहा है। श्रम कानूनों के अनुसार समय पर वेतन मिलना चाहिए, लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद पेंडिंग सैलरी का भुगतान नहीं किया गया।
8 अप्रैल को होगा सचिवालय का घेराव
कमेटी ने घोषणा की कि भूख हड़ताल 28 मार्च तक जारी रहेगी। इसके बाद, 29 मार्च को वर्करों की कन्वेंशन आयोजित की जाएगी, जिसमें 8 अप्रैल को चंडीगढ़ सचिवालय के घेराव की रणनीति पर चर्चा होगी।
कमेटी ने प्रशासन से मांग की कि
पेंडिंग वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए
उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाकर कर्मचारियों की तर्कसंगत मांगों पर फैसला लिया जाए
वर्कर प्रतिनिधियों के साथ बातचीत का रास्ता खोला जाए, ताकि प्रशासन और कर्मचारियों के संबंध सौहार्दपूर्ण बने रहें
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