चंडीगढ़ में बेलगाम अफसरशाही के खिलाफ भाजपा का ऐलान-ए-जंग, हाउस टैक्स को बताया “आधुनिक जज़िया”
जनता की आवाज़ कुचलने की कोशिश पर भड़की भाजपा – कहा, अब होगा निर्णायक संघर्ष
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 11 अप्रैल।
चंडीगढ़ में जबरन हाउस टैक्स थोपे जाने को लेकर अब भाजपा खुलकर मैदान में उतर आई है। भाजपा ने चंडीगढ़ प्रशासन के कुछ अधिकारियों पर जनता की आवाज़ को दबाने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए सख्त चेतावनी दी है। अब बेलगाम अफसरशाही नहीं चलेगी," भाजपा ने दोटूक कहा।
भाजपा के चंडीगढ़ मीडिया प्रभारी संजीव राणा ने तीखे शब्दों में प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि नगर निगम में जब यह मुद्दा उठा था, तब मेयर हरप्रीत कौर बबला सहित सभी निर्वाचित पार्षदों ने हाउस टैक्स का विरोध किया था, जिससे यह साफ था कि जनता इस टैक्स के खिलाफ है। बावजूद इसके, कुछ अफसरों ने बंद कमरों में बैठकर यह फैसला थोप दिया।
“यह टैक्स नहीं, तानाशाही है”
संजीव राणा ने इसे "आधुनिक जज़िया" करार देते हुए कहा, “यह सिर्फ टैक्स नहीं, बल्कि नागरिकों की जेब पर डाका है। ये अफसर खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं। अगर वे सोचते हैं कि जनता की चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर मनमानी कर सकते हैं, तो भाजपा उन्हें जमीन की सच्चाई दिखाएगी।”
कांग्रेस सरकार पर भी साधा निशाना
भाजपा नेता ने कहा कि यही अफसर कांग्रेस सरकार में भी बेलगाम थे। पवन बंसल तक ने माना था कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते थे। अब भाजपा शासन में भी अगर यही हाल रहा, तो पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
भाजपा ने रखी मांगें, दी आंदोलन की चेतावनी:
भाजपा ने चंडीगढ़ प्रशासन के सामने चार प्रमुख मांगें रखीं:
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हाउस टैक्स को तुरंत वापस लिया जाए।
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जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जनता से जुड़े हर निर्णय में पारदर्शिता लाई जाए।
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प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
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जनविरोधी और मनमानी करने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
वरना होगा जनआंदोलन का विस्फोट
भाजपा ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जनभावना की अनदेखी की, तो चंडीगढ़ में जनआक्रोश का विस्फोट होगा। पार्टी ने कहा कि चंडीगढ़ किसी अफसरशाही की जागीर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की प्रतीक है – और हर फैसला जनता की सहमति से ही लिया जाना चाहिए।
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