सनसनीखेज वारदात टली: डेराबस्सी में गोल्डी बराड़ के दो शार्पशूटर गिरफ्तार, इमिग्रेशन ऑफिस पर हमले की थी साजिश
बाबूशाही ब्यूरो
डेराबस्सी,12 अप्रैल 2025
मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव के निर्देशों पर पंजाब पुलिस द्वारा चलाए जा रहे संगठित अपराध विरोधी अभियान में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। शनिवार को जिला मोहाली (एसएएस नगर) की पुलिस ने डेराबस्सी में रेलवे अंडरब्रिज के पास मुठभेड़ के बाद विदेश में छिपे गैंगस्टर से आतंकी बने गोल्डी बराड़ के दो गुर्गों को गिरफ्तार कर एक बड़ी आपराधिक साजिश को नाकाम कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी एसएसपी दीपक पारीक, IPS ने प्रेस वार्ता में दी।
गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान कार्तिक सिंह उर्फ रवि (निवासी नारायणगढ़, अंबाला) और दीपक उर्फ दीपू (निवासी जगाधरी, हरियाणा) के रूप में हुई है। दोनों वर्तमान में डेराबस्सी में किराए के मकान में रह रहे थे और गैंगस्टर गोल्डी बराड़ तथा भानु राणा के संपर्क में थे।
क्या थी साजिश?
गिरफ्तार आरोपियों को डेराबस्सी की कॉलेज रोड स्थित एक इमिग्रेशन ऑफिस पर हमला करने का निर्देश दिया गया था। गोल्डी बराड़ के गिरोह ने पहले इस इमिग्रेशन ऑफिस से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी और सितंबर 2024 में एक बार इस कार्यालय को निशाना भी बनाया गया था।
मुठभेड़ के दौरान चला फायर, एक आरोपी घायल
पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि दोनों आरोपी एक बार फिर हमला करने की फिराक में हैं। इसके बाद डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के निर्देश पर एसपी ग्रामीण मनप्रीत सिंह और डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ के नेतृत्व में टीम ने इलाके में जाल बिछाया।
जैसे ही आरोपी अंबाला-डेराबस्सी हाईवे पर रेलवे अंडरब्रिज के पास पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में एक गोली कार्तिक उर्फ रवि के बाएं पैर में लगी और उसे मौके पर काबू कर लिया गया।
हथियार और गोला-बारूद बरामद
पुलिस ने मौके से एक .32 बोर की पिस्तौल और चार जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। शुरुआती पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे भानु राणा के जरिए गोल्डी बराड़ के संपर्क में आए थे, जो वर्तमान में अमेरिका में रह रहा है और भारत में अपराधों को रिमोट कंट्रोल से अंजाम दिलवा रहा है।
एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
पहले ही बीएनएस की धारा 308(2), 351(1), 351(3) के तहत एफआईआर नंबर 89 दिनांक 10-04-2025 दर्ज की जा चुकी थी। अब इस मुठभेड़ और बरामद हथियारों के आधार पर बीएनएस की धारा 103 और आर्म्स एक्ट की धारा 25(6)(7) के तहत नई एफआईआर 12-04-2025 को थाना लालड़ू (डेराबस्सी) में दर्ज की गई है।
एसएसपी ने क्या कहा?
एसएसपी दीपक पारीक ने कहा,
“पंजाब पुलिस अपराधियों को उनके मंसूबों में सफल नहीं होने देगी। हम हर सूचना को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करते हैं। इस ऑपरेशन ने एक बड़ी वारदात को टाल दिया है।”
फिलहाल पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि क्या आरोपियों को किसी स्थानीय व्यक्ति से सहयोग मिल रहा था और इस गिरोह की चंडीगढ़, पंचकूला या आसपास के अन्य इलाकों में कोई और योजना थी।
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