डेराबस्सी के मकंदपुर गांव में अवैध माइनिंग को लेकर खूनी संघर्ष, चार युवक गंभीर रूप से घायल,, वीडियो वायरल;
गांव से लेकर अस्पताल तक चली झड़प, घायलों का डेराबस्सी सिविल अस्पताल में इलाज जारी; पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
बाबूशाही ब्यूरो
डेराबस्सी/मोहाली, 12 अप्रैल 2025:
मोहाली जिले के डेराबस्सी क्षेत्र के गांव मकंदपुर में शुक्रवार देर रात अवैध माइनिंग को लेकर चल रहे पुराने विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। दो पक्षों में हुई बहस देखते ही देखते मारपीट में बदल गई, जिसमें चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। हिंसा पहले गांव में हुई और फिर घायलों को जब अस्पताल लाया गया तो वहां भी दोनों गुट भिड़ गए।
घायलों को सिविल अस्पताल डेराबस्सी में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। इनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुराने विवाद ने लिया उग्र रूप
मकंदपुर निवासी अनिल कुमार उर्फ हनी पंडित ने जानकारी दी कि उनका दूसरी पार्टी के साथ अवैध रेत खनन (माइनिंग) को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में स्थानीय एसएचओ को पहले ही अवगत करा दिया गया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
हनी के अनुसार, शुक्रवार रात को दूसरे पक्ष के लोगों ने उनके साथी महीपाल और अन्य युवकों को घेर कर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में सभी को बुरी तरह पीटा गया, और कुछ हमलावर धारदार हथियारों से लैस थे। घायल युवकों को आनन-फानन में अस्पताल लाया गया।
अस्पताल में भी नहीं रुकी हिंसा
सूत्रों के अनुसार, जब घायलों को अस्पताल लाया गया, तो हमलावर पक्ष भी वहां पहुंच गया और अस्पताल परिसर में फिर से हाथापाई शुरू हो गई। मौके पर मौजूद मेडिकल स्टाफ ने किसी तरह स्थिति को काबू में किया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हनी पंडित ने कहा, “हमने कई बार माइनिंग विवाद को लेकर शिकायत दी, पर पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अगर समय रहते कार्रवाई होती तो आज ये घटना न होती।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब तक हमलावरों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
पुलिस ने कहा – जांच जारी
इस मामले में डेराबस्सी थाना पुलिस का कहना है कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है और जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया कि सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में रोष
घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में अवैध माइनिंग लंबे समय से चल रही है, और इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आपसी रंजिश भी बढ़ती जा रही है।
प्रशासन से मांग
ग्रामीणों और पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध माइनिंग पर तुरंत रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
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