हरियाणा का वित्तीय प्रबंधन मजबूत, ऋण और घाटे को नियंत्रित करने पर सरकार का फोकस
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 मार्च: हरियाणा सरकार ने विपक्ष द्वारा उठाए गए वित्तीय चिंताओं पर जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि राज्य की वित्तीय स्थिति स्थिर है और ऋण व राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
"सरकार का लिया कर्ज, सरकार ही चुकाएगी"
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर विराम लगाते हुए कहा,
"अगर कर्जा सरकार ने लिया है, तो चुकाएगी भी सरकार ही। प्रदेश के किसी नागरिक से उसकी भरपाई नहीं होगी और न उनसे कोई पैसा मांगा जा रहा है।"
"राज्य की कुल ऋण देनदारी 3,52,819 करोड़, जो जीडीपी का 26.18%"
सरकार ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान में कुल ऋण देनदारी 3,52,819 करोड़ रुपये है, जो राज्य की जीडीपी का 26.18 प्रतिशत है।
यह 15वें वित्त आयोग द्वारा तय 32.5 प्रतिशत की सीमा के भीतर है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य की कुल देनदारी 3,69,242 करोड़ रुपये थी।
"राज्य सरकार का ऋण लेने का नियम वित्त आयोग और FRBM तय करता है"
सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई भी राज्य सरकार कितना ऋण ले सकती है, यह FRBM (Fiscal Responsibility and Budget Management Act) और वित्त आयोग द्वारा तय किया जाता है।
आरबीआई केवल तब भूमिका निभाता है जब राज्य सरकार खुले बाजार से बॉन्ड के जरिए ऋण लेना चाहती है।
"राजकोषीय घाटा नियंत्रण में, प्रयास जारी"
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी राज्य का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit कभी शून्य नहीं रहा और न ही रहेगा।
2014-15 में हरियाणा का राजकोषीय घाटा स्टेट जीडीपी का 1.90% था।
2024-25 में इसे घटाकर 1.09% कर दिया गया।
2025-26 के अंत तक इसे 1% से भी कम करने का लक्ष्य रखा गया है।
"वित्तीय अनुशासन से सरकार के वादे पूरे होंगे"
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के इस दावे पर कि सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का और लोन लेना पड़ेगा, मुख्यमंत्री ने कहा,
"मैं वचन देता हूँ कि बजट 2025-26 में प्रस्तावित 2,05,017 करोड़ रुपये की धनराशि से ही सभी घोषणाओं को धरातल पर उतारकर दिखाएंगे।"
"सरकारी उपक्रमों का कर्ज घटाया, वित्तीय सुधारों की सफलता"
हरियाणा सरकार ने State Public Enterprises (राज्य सार्वजनिक उपक्रमों) के ऋण को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
2014-15 में यह ऋण 69,922 करोड़ रुपये था।
2023-24 में इसे घटाकर 68,295 करोड़ रुपये कर दिया गया।
2014-15 में यह कर्ज राज्य जीडीपी का 16% था, जो 2023-24 में घटकर मात्र 5.6% रह गया।
"राजकोषीय अनुशासन में हरियाणा की स्थिति बेहतर"
सरकार ने बताया कि 15वें वित्त आयोग ने राजकोषीय घाटे की सीमा 3% तय की है, जबकि हरियाणा ने इसे 2024-25 में 2.68% और 2025-26 में 2.67% पर बनाए रखा है।
"हरियाणा की आर्थिक स्थिति मजबूत, विपक्ष भ्रम न फैलाए"
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से आग्रह किया कि बिना तथ्यों के जनता को भ्रमित करने के बजाय, राज्य की वित्तीय उपलब्धियों को स्वीकार करें।
सरकार राजकोषीय अनुशासन बनाए रखते हुए विकास कार्यों को जारी रखेगी और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को और मजबूत बनाएगी।
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