ट्राइसिटी में घोड़ों को मिली दर्दनाक कांटेदार लगाम से मुक्ति, पीडूज़ पीपल के प्रयासों से ऐतिहासिक कदम
चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में अब घोड़ों के लिए कांटेदार लगाम की खरीद और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 12 मार्च : पशु कल्याण की दिशा में एक ऐतिहासिक और संवेदनशील कदम उठाते हुए चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में अब घोड़ों के लिए दर्दनाक कांटेदार लगाम की खरीद और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (ड्रॉट एंड पैक एनिमल) नियम, 1965 के क्लॉज 8 के तहत लागू किया गया है।
यह फैसला पीडूज़ पीपल (Peedu’s People) के लगातार प्रयासों और जागरूकता अभियानों का परिणाम है, जिन्होंने नगर निगमों और पशुपालन विभागों के सहयोग से इस प्रतिबंध को लागू करवाने में अहम भूमिका निभाई।
620 कांटेदार लगाम को मुफ्त में बदला गया
पीडूज़ पीपल की चेयरमैन इंदर संधू ने बताया कि प्रतिबंध लागू होने के बावजूद घोड़ा गाड़ी मालिकों द्वारा इन क्रूर लगामों का इस्तेमाल जारी था। इसे रोकने के लिए संस्था ने घोड़ा गाड़ी मालिकों को जागरूक करने और उन्हें बदलाव का समय देने के लिए पेटा इंडिया, सेंट कबीर पब्लिक स्कूल, सेंट जेवियर्स हाई स्कूल (मोहाली) और कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल के सहयोग से करीब 500 कांटेदार लगामों को मुफ्त में सिलेंड्रिकल लगाम से बदला।
इसके अतिरिक्त, चालान और चेतावनी के तहत 120 सिलेंड्रिकल लगाम वितरित किए गए। साथ ही, स्थानीय सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (SPCA) के सहयोग से 58 घोड़ा गाड़ी मालिकों के चालान किए गए, जो अब भी इस दर्दनाक उपकरण का उपयोग कर रहे थे।
घोड़ों के जीवन में बदलाव
अब इस प्रतिबंध और जागरूकता अभियान के चलते घोड़ों को अनावश्यक दर्द और चोटों से मुक्ति मिली है। यह फैसला काम करने वाले हजारों घोड़ों के जीवन को बेहतर बनाएगा और उन्हें अधिक मानवीय परिस्थितियों में कार्य करने का अवसर देगा।
पीडूज़ पीपल का मिशन जारी
पीडूज़ पीपल, जो पशु कल्याण के लिए समर्पित संगठन है, इस अभियान को और आगे ले जाने की योजना बना रहा है। इंदर संधू ने बताया कि वे इस समय घोड़ों की क्रूरता रोकथाम कार्यक्रम के तहत कई और परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।
समाज के लिए संदेश
इस बदलाव के साथ, पशु प्रेमियों और नागरिकों से भी अपील की गई है कि यदि वे कहीं पर घोड़ों के साथ किसी भी तरह की क्रूरता देखें तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
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