पंचकूला में बिना परमिशन के काटे जा रहे हरे-भरे पेड़, लकड़ी बेचने का खेल जारी
विजिलेंस जांच की मांग, सालाना लाखों की अवैध बिक्री का शक
बाबूशाही ब्यूरो
पंचकूला, 21 मार्च: शहर में बिना अनुमति के हरे-भरे पेड़ों की कटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कई इलाकों में बिना किसी आधिकारिक मंजूरी के पेड़ काटे जा रहे हैं, और इसकी लकड़ी को गलत तरीके से बेचा जा रहा है। स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस अवैध कटाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और विजिलेंस जांच की मांग की है।
बिना अनुमति कट रहे पेड़, कौन है जिम्मेदार?
सूत्रों के अनुसार, शहर के कई हिस्सों में पेड़ काटने का यह खेल लंबे समय से चल रहा है। नगर निगम और वन विभाग की जानकारी के बिना ही हरे-भरे पेड़ों को रातों-रात काट दिया जाता है और फिर लकड़ी को ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। आशंका जताई जा रही है कि इस गोरखधंधे में कुछ प्रभावशाली लोग भी शामिल हो सकते हैं, जो प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।
सालाना लाखों की अवैध बिक्री का अंदेशा
जानकारों का कहना है कि पंचकूला में इस तरह की अवैध गतिविधियों से हर साल लाखों रुपये की लकड़ी बेची जाती है। यह न केवल पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है, बल्कि सरकारी राजस्व को भी चूना लगाया जा रहा है।
विजिलेंस जांच की उठी मांग
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इस पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो पंचकूला की हरियाली को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। कई संगठनों ने विजिलेंस विभाग से इसकी जांच करवाने की मांग की है, ताकि यह पता चल सके कि इस अवैध कटाई के पीछे कौन लोग हैं और उन्हें संरक्षण कौन दे रहा है।
प्रशासन क्या कर रहा है?
वन विभाग और नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं। जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने लोगों से भी अपील की है कि यदि वे कहीं पेड़ काटने की अवैध गतिविधि देखें तो तुरंत इसकी सूचना दें।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस पर कितना सख्त कदम उठाता है। यदि विजिलेंस जांच होती है, तो इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। अगर जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पंचकूला की हरियाली को बड़ा नुकसान हो सकता है।
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