यूटी कर्मचारियों का बड़ा फैसला: मांगों के समर्थन में प्रदर्शन और महारैली का ऐलान
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 21 मार्च 2025 – ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बैनर तले यूटी और एमसी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सेक्टर-23 नर्सरी के बाहर कर्मचारी सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया और अपने हकों की लड़ाई को तेज करने का संकल्प लिया।
अरुण सूद ने किया समर्थन, जल्द होगी चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात
सम्मेलन में बीजेपी चंडीगढ़ के सीनियर नेता अरुण सूद ने पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने कहा,
"मैं हमेशा कर्मचारियों के साथ खड़ा रहूंगा और जल्द ही चीफ सेक्रेटरी चंडीगढ़ के साथ ज्वाइंट एक्शन कमेटी के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात करवाकर मांगों पर विस्तार से चर्चा करवाई जाएगी।"
आंदोलन का खाका तैयार, 29 अप्रैल को महारैली
सम्मेलन में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि मांगों को पूरा करवाने के लिए चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा:
- 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे।
- 8 अप्रैल को गृह मंत्री को डीसी चंडीगढ़ के जरिए मांग पत्र सौंपा जाएगा।
- 16 अप्रैल को कर्मचारी अपनी मांगों को तख्तियों पर लिखकर प्रदर्शन करेंगे।
- 29 अप्रैल को चंडीगढ़ में महारैली का आयोजन होगा।
मांगों को लेकर कर्मचारियों में रोष
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक अश्विनी कुमार और अन्य नेताओं ने कहा कि प्रशासन लगातार कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर रहा है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें:
- आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सुरक्षित नीति बनाई जाए और उन्हें समान काम के लिए समान वेतन मिले।
- 15% डीसी रेट बढ़ाया जाए और आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया जाए।
- डेली वेज कर्मचारियों को 6वें और 7वें वेतन आयोग का लाभ दिया जाए।
- रिक्त पदों को जल्द भरा जाए और दिसंबर 1996 के बाद भर्ती हुए डेली वेज कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
- मृतक कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी देने की 5% सीमा समाप्त की जाए।
- हेड माली और चपरासी (प्यून) के प्रमोशन नियमों में बदलाव किया जाए।
- रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन और अन्य लाभ जल्द दिए जाएं।
- मिड-डे मील वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स का वेतन बढ़ाया जाए।
आंदोलन के लिए पूरी तरह तैयार हैं कर्मचारी
इस सम्मेलन में संयोजक अश्विनी कुमार, चेयरमैन सुरमुख सिंह, जॉइंट सेक्रेटरी कमल कुमार, कैशियर कुलदीप सिंह, याद राम, रविंदर बिंदु, गुरमीत सिंह, छाँगा सिंह, राम सिंह, नरेंद्र चौधरी, हुक्म चंद, अशोक कुमार, रूप सिंह, माम राज और माही पाल समेत कई कर्मचारी नेताओं ने अपने विचार रखे।
सभी नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 29 अप्रैल की महारैली के बाद और भी बड़े कदम उठाए जाएंगे।
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