दयनीय स्थिति में पहुंच चुकी हैै हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाएं: कुमारी सैलजा
अस्पतालों में न डॉक्टर है, न दवाएं हैं, न मेडिकल डिवाइसेस और न ही टेस्टिंग लैब में उपकरण
लगता है स्वास्थ्य व्यवस्था पर ताला लटकाना चाहती है हरियाणा की भाजपा सरकार
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 21 मार्च।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केेंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा का स्वास्थ्य विभाग जिस पर प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य का जिम्मा है आज उसे खुद के ईलाज की जरूरत है। विभाग में 6,000 से अधिक पद खाली है, अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है, दवाएं नहीं है, चिकित्सा उपकरणों, मशीनों और लैब परीक्षण सुविधाओं की कमी है जिससे मरीजों को सही ईलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर ताला लटका दिया है।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है पर भाजपा सरकार की उदासीनता और मनमानी के कारण दोनों ही विभागों की हालात दयनीय होती जा रही है। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई हैं, और लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से प्राइवेट अस्पताल कभी भी हाथ खड़े कर देते है क्योंकि समय पर उनका भुगतान नहीं होता और जो बिल भेजे जाते है उनमें भारी कटौती की जाती है। इतना ही नहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कई विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों, मशीनों और लैब परीक्षण सुविधाओं की कमी के बारे में चिंता व्यक्त की।
कुमारी सैलजा ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में भर्ती ठप, घोटाले चरम पर है, मेडिकल परीक्षाओं में भी धांधली हो रही है, हर ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। हरियाणा की जनता को न इलाज मिल रहा और न ही रोजगार। इस जुमलेबाज सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार ही तेजी से बढ़ रहा है। जनता सरकार के आगे आवाज उठाने में लगी हुई है पर सरकार है कि बहरी बनी हुई है। विधानसभा के बजट सत्र में इस बात का भी खुलासा हुआ कि प्रदेश के अस्पतालों में मेडिकल डिवाइसेस, दवाइयां, टेस्टिंग लैब में उपकरणों की कमी है। इसके साथ ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी आज तक बनी हुई है ऐसा कोई जिला अस्पताल नहीं है जो डॉक्टरों की कमी से न जूझ रहा हो। अगर सरकार को लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है तो सबसे पहले रिक्त पदों पर नियुक्तियां करनी चाहिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की ओर सबसे ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
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