खुला नाला बनी मौत की वजह: 22 वर्षीय की दर्दनाक मौत पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़ 21 मार्च 2025:
नगरपालिका की लापरवाही एक बार फिर मौत का सबब बनी। फरीदाबाद के आदर्श नगर में 31 जुलाई 2024 को 22 वर्षीय प्रिंस की एक खुले नाले में गिरने से मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग (HHRC) ने सख्त संज्ञान लिया है और नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
स्थानीय निवासियों ने नाले की खराब स्थिति को लेकर कई बार शिकायत की थी, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। आयोग ने इसे “घोर लापरवाही” और मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया है, विशेषकर संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त जीवन के अधिकार का।
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इस मामले में कड़े निर्देश जारी किए हैं:
जांच एवं जवाबदेही: एक स्वतंत्र उच्च स्तरीय समिति दुर्घटना की परिस्थितियों की जांच करेगी और दोषी अधिकारियों की पहचान कर उन्हें जवाबदेह ठहराएगी।
परिवार को मुआवजा: मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
नालों की जांच और सुधार:
1. क्षेत्र के सभी खुले नालों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
2. सभी नालों को तुरंत ढकने और आसपास चेतावनी बोर्ड, बैरिकेड्स व रोशनी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग के प्रोटोकॉल, सूचना और जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने जानकारी दी कि इस मामले में फरीदाबाद नगर निगम आयुक्त से 5 मई 2025 तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही, पूरे हरियाणा राज्य की सभी नगर निगमों, समितियों और परिषदों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट आयोग को सौंपें।
आयोग ने कहा कि ऐसे हादसे “टाली जा सकने वाली त्रासदियां” हैं और यह शहरी प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। समय पर सुधार और जवाबदेही बेहद जरूरी है।
तेजी से बढ़ते शहरों में नागरिकों की सुरक्षा भी उतनी ही प्राथमिक होनी चाहिए — नहीं तो हर खुला नाला एक जानलेवा जाल बन सकता है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here →
Click to Follow हिन्दी बाबूशाही फेसबुक पेज →