फिर झूठा साबित हुआ बीजेपी का 24 फसलों पर एमएसपी देने का वादा- हुड्डा;
मंडी में एमएसपी से कम रेट पर पिट रही सरसों- हुड्डा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 21 मार्च । भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे की पोल एक बार फिर खुल गई है। क्योंकि सरकार किसानों को सरसों का एमएसपी नहीं दे रही है। हमारे पास बाकायदा किसानों ने सरसों खरीद की रसीद भेजकर अपना दुखड़ा सुनाया है। सरसों की एमएसपी 5960 है, लेकिन मंडी में खरीद 5400 में की जा रही है यानी किसानों को लगभग ₹500 प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। पिछली बार धान की खरीद भी एमएसपी से कम रेट पर की गई और इस बार सरसों की खरीद में भी किसानों को लूटने का खेल शुरू हो गया है।
जबकि बीजेपी ने चुनाव से पहले किसानों को धान और गेहूं जैसी फसलों पर एमएसपी से भी ज्यादा रेट देने का वादा किया था। धान की फसल पर बीजेपी ने ₹3100 रेट का वादा किया था। ना बीजेपी ने सरकार बनने के बाद यह वादा निभाया और ना ही इस बार के बजट में ऐसा कोई प्रावधान रखा।
इतना ही नहीं, खुद सरकार द्वारा पेश किए आर्थिक सर्वेक्षण में दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार ने किसी भी फसल की खरीद एमएसपी पर नहीं की है। सरकार ने मात्र 61% सरसों, 55% गेहूं, 25% मूंग, 18% जो, 9% कपास, सिर्फ 29 और 23% बाजार व मक्खी की एमएसपी पर खरीद की है। सूरजमुखी की भी सिर्फ 5% खरीद एमएसपी पर हुई है। यानी सरकारी दस्तावेज बता रहे हैं कि यह सरकार ज्यादातर किसानों को ज्यादातर फसलों पर एमएसपी नहीं दे रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा का कड़वा सच भी आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में स्पष्ट नजर आ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि सरकार ने अब तक लगभग 62% यानी 588 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को नहीं दिया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब सरकार द्वारा किसानों के धरने को बलपूर्वक खत्म करवाने को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि किसानों को अनसुना करना और दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। बीजेपी सरकार को उनकी मांगें मानते हुए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए।
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