चंडीगढ़: कलेक्टर रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर आर.के. गर्ग ने जताई आपत्ति, कहा—आम आदमी पर पड़ेगा भारी असर
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 09 मार्च।
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा कलेक्टर रेट बढ़ाने के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। समाजसेवी आर.के. गर्ग ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे आम आदमी को गंभीर आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यह नया प्रस्ताव 1 अप्रैल 2025 से लागू होने की संभावना है, लेकिन इसके प्रभाव आम लोगों के लिए चिंता का विषय हैं।
बढ़े हुए रेट से क्या होगा असर?
गर्ग ने कहा कि इस प्रस्तावित बढ़ोतरी से प्रॉपर्टी के लेन-देन पर सीधा असर पड़ेगा और साथ ही, यह आम लोगों के रहने की लागत और जीवन स्तर को भी प्रभावित करेगा। उनके अनुसार, पिछले 20 वर्षों में जो रेट स्थिर थे, अब उन्हें 50% से 100% तक बढ़ाया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, जो जमीन पहले ₹78,000 प्रति गज थी, अब उसे ₹1,78,000 किया जा रहा है। यह बढ़ोतरी आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब प्रशासन ने बिना आम जनता की राय लिए कोई बड़ा फैसला लिया हो। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के मकानों की कीमतें, ट्रैफिक चालान, पानी-बिजली के रेट और सीवरेज चार्ज पहले ही काफी बढ़ चुके हैं, जिससे आम लोग पहले से ही परेशान हैं। लेकिन जब मूलभूत सुविधाओं की बात आती है, तो सड़कें टूटी मिलती हैं, सीवरेज जाम रहते हैं और सार्वजनिक सेवाएं लचर हैं।
चंडीगढ़ से हो सकता है पलायन
गर्ग ने यह भी कहा कि जब बढ़े हुए कलेक्टर रेट के बावजूद मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलतीं, तो लोग शहर छोड़कर आसपास के इलाकों में शिफ्ट करने लगते हैं। पड़ोसी राज्यों में कलेक्टर रेट 25-30% तक कम हैं, जिससे लोग चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी बेचकर अन्य जगहों पर अधिक सुविधाजनक और किफायती मकान खरीद सकते हैं।
कलेक्टर रेट निर्धारण का आधार स्पष्ट नहीं
उन्होंने यह सवाल उठाया कि प्रशासन को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि कलेक्टर रेट तय करने का आधार क्या है। आम जनता और संबंधित हितधारकों को इसका सही आंकलन करने के लिए उचित जानकारी दी जानी चाहिए।
क्षेत्रों के विभाजन पर भी आपत्ति
प्रशासन ने कलेक्टर रेट तय करने के लिए चंडीगढ़ को तीन भागों में बांटा है—सेक्टर 1-12, सेक्टर 14-37 और बाकी अन्य सेक्टर। आर.के. गर्ग का कहना है कि 2023 में जब यह फैसला हुआ था कि सेक्टर 1-30 को अलग और 31 से आगे के सेक्टरों को अलग रखा जाएगा, तो अब कलेक्टर रेट तय करते समय इस निर्णय का पालन क्यों नहीं किया गया?
कलेक्टर रेट बढ़ोतरी के लिए सुझाव
आर.के. गर्ग ने प्रशासन से निम्नलिखित सुझाव दिए:
- बढ़ोतरी की सीमा 100% से अधिक न हो।
- चंडीगढ़ को दो भागों में विभाजित किया जाए—सेक्टर 1-30 और सेक्टर 31 के आगे।
- नए कलेक्टर रेट का निर्धारण पारदर्शी तरीके से हो और इसका आधार जनता को बताया जाए।
- सख्त नियम बनाने से पहले आम जनता और विशेषज्ञों से राय ली जाए।
- सभी सरकारी विभाग पहले मौजूदा सेवाओं को बेहतर बनाएं, फिर नई दरें लागू करें।
क्या कहता है प्रशासन?
प्रशासन ने इस प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन आम जनता की मांगों को सुनकर प्रस्ताव में बदलाव करेगा या नही
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