हरियाणा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, 3.25 लाख मामलों का हुआ निपटारा
रमेश गोयत
पंचकूला, 09 मार्च 2025 – हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HALSA) ने न्यायमूर्ति लिसा गिल, न्यायाधीश, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, HALSA के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया। यह वर्ष 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत थी, जो हरियाणा के सभी 22 जिलों और 34 उप-मंडलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (DLSA) के माध्यम से संपन्न हुई।
इस लोक अदालत में 174 बेंचों का गठन किया गया, जिनमें वाद पूर्व प्रकरण और लंबित न्यायिक मामलों को शामिल किया गया।
3.80 लाख मामले लोक अदालत पीठों को भेजे गए
इस लोक अदालत में व्यवहारिक, वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, बैंक उगाही, चेक बाउंस, वाहन चालान और समझौता योग्य आपराधिक मामलों सहित विभिन्न श्रेणियों के मामले रखे गए। इनमें स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं) से जुड़े मामले भी शामिल थे।
इस दौरान 3.80 लाख से अधिक मामलों को लोक अदालत की पीठों को भेजा गया ताकि इन्हें आपसी सहमति से जल्द से जल्द निपटाया जा सके। लोक अदालतों का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को बिना किसी देरी के सौहार्दपूर्ण तरीके से विवाद सुलझाने का अवसर देना है।
3.25 लाख से अधिक मामलों का निपटारा
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 3,25,000 से अधिक मामलों का समाधान किया गया। इनमें से कई मामलों का निपटारा पूर्व-लोक अदालत बैठकों में ही कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति लिसा गिल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की निगरानी
लोक अदालत की कार्यवाही पर निगरानी रखने के लिए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति लिसा गिल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा के सभी जिलों और उप-मंडलों से जुड़कर स्थिति की समीक्षा की।
लोक अदालत में आपसी सहमति से समझौता होने पर न्याय शुल्क वापस करने का प्रावधान है। इस फैसले को अंतिम माना जाता है, जिससे वादकारियों को लंबी कानूनी प्रक्रिया और अनावश्यक देरी से राहत मिलती है।
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का यह प्रयास न्यायिक प्रणाली को तेज, पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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