CHD रॉक गार्डन की ऐतिहासिक दीवार गिराने पर मचा बवाल, शहरवासियों ने प्रशासन पर उठाए सवाल
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 9 मार्च – रॉक गार्डन की ऐतिहासिक दीवार गिराने के मामले ने शहर में विरोध की लहर पैदा कर दी है। समाजसेवियों और नागरिकों ने इसे चंडीगढ़ के इतिहास के लिए "काला दिन" करार दिया है। यह दीवार शहर के प्रतिष्ठित रॉक गार्डन की पहचान मानी जाती थी, लेकिन प्रशासन ने अचानक इसे गिरा दिया, जिससे लोगों में नाराजगी है।
समाजसेवी आर.के. गर्ग ने जताया कड़ा विरोध
इस मामले में समाजसेवी आर.के. गर्ग ने प्रशासन की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
"चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा रॉक गार्डन की पुरानी दीवार को गिराना निंदनीय है। यह चंडीगढ़ के इतिहास पर एक काला धब्बा है। लोग लंबे समय से इस कदम का विरोध कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उनकी आवाज अनसुनी कर दी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह कार्रवाई रात के अंधेरे में, उस दिन की गई जब प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शहर से बाहर थे।"
बिना अनुमति दीवार गिराने के आरोप
आर.के. गर्ग ने यह भी सवाल उठाया कि क्या प्रशासन ने इस दीवार को गिराने से पहले उचित अनुमति ली थी।
"हमें जानकारी मिली है कि प्रशासन ने जमीन को फॉरेस्ट से नॉन-फॉरेस्ट घोषित करवाने की अनुमति ली थी, लेकिन क्या दीवार गिराने की अनुमति थी? क्या इसका आकलन किया गया था कि इससे कितना नुकसान होगा? क्या हेरिटेज कमेटी से इसकी मंजूरी ली गई थी?"
कार पार्किंग के लिए गिराई गई ऐतिहासिक दीवार?
इस पूरे विवाद में एक और बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह दीवार सिर्फ कार पार्किंग के लिए गिराई गई? गर्ग ने प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा,
"रॉक गार्डन पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह सिर्फ एक दीवार नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर थी। इसे कुछ कारों की पार्किंग के लिए गिराया जाना चंडीगढ़ की मूल योजना पर हमला है। अगर यही रवैया रहा, तो आने वाले दिनों में चंडीगढ़ अपनी पहचान ही खो देगा।"
लोगों में रोष, हो सकता है बड़ा विरोध प्रदर्शन
इस घटना के बाद चंडीगढ़ के नागरिकों और सामाजिक संगठनों में भारी आक्रोश है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा सकता है।
रॉक गार्डन, जिसे नेकचंद ने अपने परिश्रम और दूरदृष्टि से बनाया था, उसकी विरासत पर इस तरह का हमला प्रशासन के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विरोध पर क्या प्रतिक्रिया देता है और क्या इस मामले में कोई जांच होगी।
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