बजट सत्र में अर्जुन चौटाला ने उठाए चिराग योजना के मुद्दे, कहा— किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट भी हो फ्री
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 26 मार्च: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायक अर्जुन चौटाला ने चिराग योजना से जुड़ी कमियों को उजागर किया और गरीब बच्चों को संपूर्ण शैक्षिक सहायता देने की मांग की। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि कितने प्राइवेट स्कूल चिराग योजना के तहत मान्यता प्राप्त नहीं कर पाए हैं, और उनकी सूची कब जारी की जाएगी।
"फीस माफी काफी नहीं, किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट भी मुफ्त हो"
अर्जुन चौटाला ने कहा कि सरकार एक लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों की फीस माफ कर रही है, लेकिन समस्या यह है कि यूनिफॉर्म, किताबें और ट्रांसपोर्ट पर खर्च होने वाली बड़ी रकम गरीब परिवार कैसे उठाएंगे? उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को चिराग योजना के अंतर्गत न केवल फीस माफ करनी चाहिए, बल्कि स्कूल की किताबें, यूनिफॉर्म और परिवहन भी मुफ्त देने के लिए नीति बनानी चाहिए।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या इस योजना में इन जरूरी सुविधाओं को मुफ्त देने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो सरकार इस पर नीति बनाकर गरीब बच्चों की शिक्षा को बाधा मुक्त करे।
"सरकारी स्कूलों की जमीन बेचने पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे"
चौटाला ने विधानसभा में यह भी सवाल उठाया कि मास्टर प्लान में जिन सरकारी स्कूलों की जमीन तय की गई थी, उनमें से कितनी साइट प्राइवेट निवेशकों को बेच दी गई हैं? उन्होंने सरकार से इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई प्राइवेट स्कूल चिराग योजना के तहत दाखिले देने में आनाकानी कर रहे हैं, जिससे गरीब बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
सरकार पर दबाव बढ़ा, क्या होगा अगला कदम?
बजट सत्र में चौटाला के इन सवालों के बाद सरकार पर दबाव बढ़ गया है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार चिराग योजना में किताबें, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्ट भी मुफ्त करने का फैसला लेगी, या फिर विपक्ष को अपने जवाबों से संतुष्ट करेगी?
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