हरियाणा को मिला अपना राज्य गीत
सदन में ध्वनि मत से सर्वसम्मति से
पास हुआ राज्य गीत का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस गीत
को मूर्तरूप देने वाले सभी गणमान्यों
का आभार व्यक्त किया
रमेश गोयत
चंडीगढ़ 28 मार्च। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन हरियाणा को अपना राज्य गीत मिल गया। सदन में राज्य गीत के चयन पर गठित समिति द्वारा राज्य गीत पर रखा गया प्रस्ताव ध्वनि मत से सर्वसम्मति से पारित हुआ। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने इस गीत को मूर्तरूप देने वाले सभी गणमान्यों का आभार व्यक्त किया और इसे 2 करोड़ 80 लाख लोगों की भावनाओं में जोश भरने वाला गीत बताया। श्री नायब सिंह सैनी ने सुझाव देते हुए कहा कि जिस प्रकार हमारे राष्ट्रगान के लिए नियम एवं मानदंड निर्धारित हैं, उसी प्रकार हमारे इस राज्य गीत के लिए भी कुछ नियम व मानदंड निर्धारित होने चाहिएं।उन्होंने बताया कि इस राज्य गीत का प्रस्ताव सर्वप्रथम तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल लेकर आए थे। उन्होंने प्रदेश के राज्य गीत होने का प्रस्ताव सदन में रखा, जिसे सदन के सभी सदस्यों ने सहर्ष स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि कमेटी द्वारा यह गीत इस महान सदन में पहले भी सुनाया गया, जिस पर सदस्यों ने अपने सुझाव दिए और आज उन सुझावों को शामिल कर पुन: कमेटी द्वारा इसे सदन में प्रस्तुत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरि की भूमि हरियाणा वर्ष 1966 में एक अलग राज्य बना। लेकिन लगभग 6 दशक बीत जाने पर भी हमारा कोई राज्य गीत नहीं है। राज्यगीत किसी भी प्रदेश के गौरव को प्रकट करता है। इसलिए हमने हरियाणा प्रदेश का भी राज्य गीत बनाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने कहा कि इस गीत को बनाने, गाने, इसके लिए संगीत तैयार करने और अन्य कार्यों में जिन महानुभावों ने योगदान किया है, उनका विशेष आभार प्रकट करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह राज्य गीत हमारे इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें हरियाणा की महान संस्कृति की सुगंध है। इसमें हरियाणा की जनता द्वारा किए गए विभिन्न योगदानों की भी एक झलक है। हरियाणा की पवित्र भूमि वैदिक पूर्व काल से ही एक गौरवशाली इतिहास, समृद्ध परंपराओं और संस्कृति का केन्द्र रही है। आज भी हरियाणा को भारत के अग्रणी राज्यों में माना जाता है। हमारे कर्मठ किसानों ने जहां देश की विशाल आबादी के लिए अन्न उपजाया है। वहीं, हमारे वीर और देशभक्त जवानों ने देश की सरहदों की सुरक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए हैं। एक नवंबर, 1966 को जब हरियाणा बना तो हमारा विशाल क्षेत्र मरुस्थल था। लेकिन हरियाणा के मेहनती लोगों ने उस मरुस्थल को भी सोना उगलने वाली भूमि बना दिया और इसकी पहचान एक समृद्ध राज्य के रूप में स्थापित की। ऐसी पावन और उर्वरा धरती का गुणगान हमारे अनेक लोक गायकों ने किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोगों में अपनी माटी के प्रति संवेदनशीलता, कर्मठता और निष्ठा को उकेरने का कार्य यह राज्य गीत करेगा। यह गीत हमारे प्रदेश की प्रगति, इसके विकास, इसके प्रतिमानों को बखूबी बयान करेगा।
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