निजी स्कूलों की किताबों पर माफिया का कब्जा? पंचकूला में मंदिर के अंदर खुली बुक शॉप, अभिभावकों की बढ़ी मुश्किलें
रमेश गोयत
पंचकूला, 26 मार्च – निजी स्कूलों की मनमानी फीस और महंगी किताबों का बोझ झेल रहे अभिभावकों के लिए अब एक नई परेशानी सामने आई है। पंचकूला सेक्टर-11 में स्थित एक मंदिर के अंदर ही एक बुकसेलर ने दुकान खोल दी है, जहां से निजी स्कूलों की किताबें बेची जा रही हैं। बताया जा रहा है कि यह बुकसेलर कुछ स्कूलों के साथ मिलकर अभिभावकों को जबरन यहां से किताबें खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है।
मंदिर में दुकान खोलने का मामला, दीवार पर बैनर भी लगाया
अभिभावकों के अनुसार, मंदिर के बाहर ही एक बड़े बैनर पर इस बुक शॉप का नाम लिख दिया गया है, ताकि लोग इसे देखकर अंदर आएं। लोगों का आरोप है कि यह दुकान किसी आम बुक शॉप की तरह नहीं, बल्कि स्कूलों और बुकसेलर की मिलीभगत का नतीजा है।
एक अभिभावक, अजय कुमार, जो अपने बच्चे के लिए किताबें खरीदने आए थे, ने कहा, "स्कूल ने हमें इस दुकान का पता दिया और यहीं से किताबें लेने को कहा। जब हमने बाहर की दुकान से खरीदने की बात की, तो स्कूल ने कहा कि वही किताबें बाहर नहीं मिलेंगी। आखिर मंदिर के अंदर किताबों की दुकान खोलने की क्या जरूरत थी?"
स्कूलों और दुकानदारों की मिलीभगत?
अभिभावकों का कहना है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है। हर साल नया सत्र शुरू होते ही स्कूल प्रशासन कुछ चुनिंदा दुकानों को ही किताबें बेचने की अनुमति देता है, जिससे वे मनचाहे दाम वसूलते हैं। इस बार मंदिर को ही दुकान में बदल दिया गया, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर शिक्षा को व्यापार बनाने वालों पर कब कार्रवाई होगी?
एक अन्य अभिभावक, सुमन देवी, ने कहा, "बच्चे की किताबें और यूनिफॉर्म का खर्चा ही 8,000 रुपये से ऊपर जा रहा है। स्कूल कह रहा है कि यूनिफॉर्म और जूते भी यहीं से खरीदने होंगे। आखिर हमारी पसंद कहां है?"
जिला प्रशासन से दखल की मांग
इस मामले को लेकर कई अभिभावकों ने पंचकूला शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से शिकायत की है। उनका कहना है कि मंदिर का धार्मिक महत्व है, लेकिन उसे व्यावसायिक उपयोग के लिए इस्तेमाल करना गलत है।
पंचकूला स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण बंसल ने कहा, "हम मांग करते हैं कि प्रशासन इस मामले की जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि स्कूल एनसीईआरटी की किताबें ही लागू करें। साथ ही, अभिभावकों को किसी भी दुकान से किताबें खरीदने की स्वतंत्रता दी जाए।"
शिक्षा विभाग का क्या कहना है?
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि "हमें इस मामले की शिकायत मिली है। हम जांच करेंगे कि मंदिर में दुकान कैसे खोली गई और क्या स्कूल इस बुकसेलर से सांठगांठ कर रहे हैं। अगर गड़बड़ी पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई होगी।"
पंचकूला में मंदिर के अंदर बुक शॉप खोलने का मामला शिक्षा माफिया की एक नई रणनीति की ओर इशारा कर रहा है। इससे न केवल धार्मिक स्थल का व्यावसायीकरण हो रहा है, बल्कि अभिभावकों पर भी अनावश्यक आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
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