कैथल जिला परिषद घोटाला: एसीबी ने आरोपी सुमीत मिगलानी को किया गिरफ्तार, 2.6 लाख रुपये बरामद
रमेश गोयत
पंचकूला/चंडीगढ़, 10 मार्च : हरियाणा में कैथल जिला परिषद घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अम्बाला टीम ने ऑटो एग्रोवेट इंडिया के मालिक सुमीत मिगलानी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के घर से 2.6 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं।
मंगलवार को कोर्ट में होगी पेशी
गिरफ्तार आरोपी सुमीत मिगलानी को मंगलवार कैथल की एसीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां आगे की कार्यवाही होगी। यह घोटाला कैथल के पूर्व विधायक लीलाराम द्वारा जुलाई 2021 में की गई शिकायत के बाद सामने आया था।
घोटाले का पूरा मामला
2020-21 में हरियाणा पंचायत विभाग से जिला परिषद कैथल को "Grant for Creation of Capital Assets" के तहत 31.64 करोड़ रुपये की राशि मिली थी, जिसमें से 15.82 करोड़ रुपये स्वच्छता कार्यों (Sanitation Work) के लिए आवंटित थे। लेकिन, अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों ने मिलीभगत कर 35-40% कमीशन लेकर भुगतान कर दिया, जबकि जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ।
इस घोटाले की जांच के बाद, 27 मई 2024 को एसीबी थाना, अम्बाला में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पहले हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां
इस मामले में पहले ही 10 से अधिक अधिकारियों और ठेकेदारों की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
नवीन कुमार (तत्कालीन SDO)
जसबीर सिंह (तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता)
साहिल कश्यप (कनिष्ठ अभियंता)
जयबीर सिंह (कनिष्ठ अभियंता)
कुलवंत सिंह (तत्कालीन लेखा लिपिक, जिला परिषद कैथल)
अनिल गर्ग, राजेश गर्ग, दिलबाग सिंह, अभय संधू, रोहताश सिंह, शेखर काला और कमलजीत डांडा (ठेकेदार)
अब तक 14.65 लाख रुपये की बरामदगी
इस घोटाले में अब तक कुल 14.65 लाख रुपये की गबन की गई सरकारी राशि बरामद की जा चुकी है। एसीबी ने 30 मई 2024 और 1 अगस्त 2024 को अलग-अलग छापेमारी में कई आरोपियों से यह रकम बरामद की थी।
जेल और जमानत की स्थिति
चार आरोपी शेखर काला, कमलजीत, जयबीर सिंह और साहिल कश्यप अभी भी न्यायिक हिरासत में कैथल जेल में बंद हैं।
अन्य आरोपियों को कोर्ट से नियमित जमानत मिल चुकी है।
आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
23 अगस्त 2024 को एसीबी अम्बाला ने मुख्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कैथल की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अदालत में दाखिल कर दी थी।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
एसीबी अन्य बचे हुए आरोपियों की संपत्ति और वित्तीय लेन-देन की जांच जारी रखेगी।
कोर्ट में सुनवाई के बाद घोटाले के मास्टरमाइंड्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
कैथल जिला परिषद घोटाले में यह गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण कदम है। एसीबी का कहना है कि जल्द ही पूरे घोटाले की परतें खुलेंगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
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