3 वर्ष कार्यकाल पूरा करने बावजूद रेणु भाटिया का हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन बने रहने पर सवाल
हरियाणा महिला आयोग कानून, 2012 में संशोधन के लिए एडवोकेट ने प्रदेश सरकार को लिखा
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़,22 मार्च– दो महीने पूर्व 19 जनवरी 2025 से रेणु भाटिया के हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर बने रहने पर कानूनी सवाल कायम है. 18 जनवरी 2025 को रेणु, जिन्हें तीन वर्ष पूर्व 17 जनवरी 2022 को प्रदेश की तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा इस पद पर नामित (नियुक्त) किया गया था, का तीन वर्ष कार्यकाल पूरा हो गया था. सनद रहे कि दिसम्बर, 2017 से दिसम्बर, 2020 तक रेणु आयोग में बतौर मेंबर भी रही थी. .
हालांकि गत वर्ष 26 नवम्बर 2024 को हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी एक पत्र अनुसार रेणु भाटिया का आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर कार्यकाल 18 जनवरी 2025 के बाद आगामी आदेशो तक बढ़ाने का उल्लेख किया गया था परन्तु इसमें एक कानूनी पेंच है.
इस विषय पर विस्तार से जानकारी देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की मौजूदा धारा 4 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि आयोग की चेयरपर्सन, वाईस-चेयरपर्सन और मेंबर (सदस्य) का कार्यकाल तीन वर्ष से अधिक नहीं हो सकता. हालांकि हरियाणा में तत्कालीन चौटाला सरकार में शीला भ्याण 5 वर्ष और भूपेन्द्र हुड्डा शासनकाल में सुशीला शर्मा 6 वर्ष तक हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रही थी परन्तु ध्यान देने योग्य है कि उन दोनों के समय प्रदेश महिला आयोग हेतू प्रदेश विधानसभा से उपरोक्त कानून नहीं बना था.
अब चूँकि हरियाणा महिला आयोग की मौजूदा चेयरपर्सन रेणु भाटिया ने 18 जनवरी 2025 को अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर लिए, इसलिए उससे अधिक उन्हे उस पद पर बनाये रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से सीधे जारी सरकारी पत्र मार्फत आदेश पर्याप्त नहीं हैं बल्कि इसके लिए सर्वप्रथम प्रदेश सरकार को उपरोक्त कानूनी धारा में विधानसभा द्वारा उपयुक्त संशोधन करना होगा जोकि तत्काल तौर पर हरियाणा विधानसभा के मौजूदा चालू बजट सत्र में किया जा सकता है जो आगामी 28 मार्च 2025 तक चलेगा. इसी के दृष्टिगत हेमंत ने आज एक बार पुन: हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री नायब सैनी, महिला एवं विकास मंत्री श्रुति चौधरी, विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ( ए.सी.एस.) सुधीर राजपाल, महानिदेशक मोनिका मलिक, प्रदेश की विधि परामर्शी (एल.आर.) ऋतु गर्ग और प्रदेश महाधिवक्ता (ए.जी.) परविन्द्र चौहान और को ज्ञापन भेजा है.
इस आशय में हेमंत ने मई,2016 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एक डिवीजन बेंच द्वारा दिए एक निर्णय का भी हवाला देते हुए बताया कि उसमें अदालत द्वारा हरियाणा महिला आयोग अधिनियम, 2012 की मौजूदा धारा 4 (1) की व्याख्या करते हुए उल्लेख किया गया था की इस कानूनी प्रावधान अनुसार प्रदेश सरकार अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के लिए ही आयोग की चेयरपर्सन और वाईस-चेयरपर्सन को नियुक्त कर सकती है, उससे अधिक नहीं. यह निर्णय प्रदेश की तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार द्वारा मई, 2014 में आयोग की चेयरपर्सन के तौर पर नियुक्त कमलेश पांचाल और वाईस-चेयरपर्सन तौर पर सुमन दहिया द्वारा दायर याचिकाओं के सम्बन्ध में दिया गया था जब वर्ष 2015 में मनोहर लाल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा उक्त दोनों को उनके तीन वर्ष के कार्यकाल की अवधि से पहले ही हटाने का आदेश जारी किया गया था.
हेमंत ने बताया कि हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3(2) के अनुसार आयोग में चेयरपर्सन के अतिरिक्त एक वाईस-चेयरपर्सन और अधिकतम पांच सदस्य हो सकते हैं जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा नॉमिनेट किया जाता है जिनमें से कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से होना चाहिए. उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त वर्ष 2012 कानून अनुसार आयोग में एक वरिष्ठ महिला एचसीएस अथवा आईएएस महिला अधिकारी आयोग की सदस्य सचिव होंगी. इसके अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक सचिव आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगी. इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक और प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) आयोग के पदेन (उनके पद के कारण ) सदस्य होंगे.
हेमंत ने यह बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणु भाटिया के तीन वर्ष के कार्यकाल दौरान प्रदेश सरकार द्वारा आयोग में कानूनन प्रस्तावित अधिकतम पांच सदस्यों तो दूर बल्कि एक भी सदस्य नहीं बनाया गया. हालांकि गत वर्ष 15 मार्च 2024 को सोनीपत जिले की खरखौदा क्षेत्र निवासी सोनिया अग्रवाल को हरियाणा महिला आयोग की वाईस-चेयरपर्सन नामित किया गया था. उसी माह उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया था. हालांकि सोनिया के महिला आयोग की वाईस- चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के सम्बन्ध में आधिकारिक नोटिफिकेशन 7 मई 2024 के हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित की गई थी जिसमें सोनिया का कार्यकाल एक वर्ष ही दर्शाया गया था. गत दिसम्बर, 2024 में सोनिया को एंटी करप्शन ब्यूरो, हरियाणा द्वारा भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में गिरफ्तार भी किया गया था, जिस कारण 9 जनवरी 2025 से सोनिया को उनके तय एक वर्ष के कार्यकाल से समय-पूर्व ही वाईस-चेयरपर्सन पद से हटा दिया गया था. उसके बाद हरियाणा महिला आयोग में न तो वाईस-चेयरपर्सन और न ही किसी सदस्य की नियुक्ति हुई है.
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