चंडीगढ़ की नई आबकारी नीति 2025-26 को मिली मंजूरी, ई-टेंडरिंग से रिकॉर्ड राजस्व
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 22 मार्च – पंजाब के राज्यपाल और यू.टी. चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा मुख्य सचिव और सचिव (आबकारी एवं कराधान) के साथ विचार-विमर्श के बाद आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी गई है। इस नीति का उद्देश्य पारदर्शिता लाना, डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाना और राज्य के राजस्व में वृद्धि करना है।
नीति में किए गए मुख्य बदलाव
- बार को खुदरा शराब विक्रेताओं से शराब खरीदने की अनुमति दी गई।
- अंतर-विक्रेता स्टॉक हस्तांतरण को मंजूरी दी गई।
- शराब के कोटे का युक्तिकरण किया गया।
- ई-टेंडरिंग के माध्यम से पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया गया, जिससे मैन्युअल हस्तक्षेप को रोका गया।
- बोलीदाताओं के लिए डिजिटल हस्ताक्षर और एनआईसी द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया।
- एक व्यक्ति/संस्था/कंपनी/फर्म को अधिकतम 10 लाइसेंसिंग इकाइयां ही आवंटित की जा सकती हैं ताकि कार्टेलाइजेशन और एकाधिकार को रोका जा सके।
पहली बार ई-टेंडरिंग से हुआ रिकॉर्ड राजस्व संग्रह
21 मार्च 2025 को होटल पार्कव्यू, सेक्टर-24, चंडीगढ़ में पहली बार ई-टेंडर खोले गए।
- कुल 97 लाइसेंसिंग इकाइयों में से 96 के लिए कुल 228 निविदाएं/बोलियां प्राप्त हुईं।
- आरक्षित मूल्य: 439.29 करोड़ रुपये।
- प्राप्त राजस्व: 606.43 करोड़ रुपये, जो आरक्षित मूल्य से 36% अधिक है।
- भागीदारी शुल्क से अतिरिक्त 4.56 करोड़ रुपये का राजस्व मिला।
- सबसे अधिक बोली: गांव पलसोरा में वेंड कोड नंबर 53 के लिए 10.22 करोड़ के आरक्षित मूल्य के मुकाबले 14 करोड़ रुपये की बोली प्राप्त हुई।
- 2024-25 के मुकाबले, इस वर्ष ई-टेंडरिंग के पहले दौर में दोगुनी संख्या में लाइसेंसिंग इकाइयों की बिक्री हुई।
ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का सफल आयोजन
ई-टेंडर/वित्तीय बोलियों का उद्घाटन हरि कल्लिक्कट, आईएएस, आबकारी एवं कराधान आयुक्त, यू.टी., चंडीगढ़, नवीन, दानिक्स – उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (केंद्र), एच.पी.एस. बराड़, पीसीएस – कलेक्टर (आबकारी), प्रदीप रावल, एईटीसी – आवंटन समिति के सदस्य, सुमित सिहाग, पीसीएस – पर्यवेक्षक (चंडीगढ़ प्रशासन) की उपस्थिति में हुआ।
इस अभूतपूर्व सफलता के बाद, शेष 1 दुकान के आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। साथ ही, पंजाब के राज्यपाल-सह-प्रशासक और चंडीगढ़ के मुख्य सचिव द्वारा अनुमोदित नीति के अन्य प्रावधानों को भी लागू किया जाएगा।
नई आबकारी नीति से राजस्व में वृद्धि, पारदर्शिता और डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने का लक्ष्य पूरा होता दिख रहा है। इससे चंडीगढ़ प्रशासन को न केवल अधिक राजस्व प्राप्त होगा बल्कि अवैध शराब बिक्री और एकाधिकार पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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