पंजाब के राज्यपाल एवं प्रशासक चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया ने ‘विरासत-2025’ में युवाओं को नशा मुक्त जीवन का संकल्प दिलाया
सतिंदर सरताज की प्रेरक प्रस्तुति ने ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ को दी नई ऊर्जा।
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 22 मार्च: गोस्वामी गणेश दत्त सनातन धर्म कॉलेज (जीजीडीएसडी) द्वारा आयोजित ‘विरासत-2025’ का भव्य समापन प्रशासक चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। यह सांस्कृतिक महोत्सव केवल कला और संस्कृति के उत्सव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सामाजिक जागरूकता के महत्वपूर्ण संदेश का वाहक भी बना। मुख्य अतिथि राज्यपाल पंजाब कटारिया ने अपने जोशीले संबोधन में युवाओं से नशे के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया और शिक्षा को समाज में बदलाव का सबसे बड़ा माध्यम बताया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "यदि हमें देश को अच्छा बनाना है, तो सबसे पहले हमें अपने शिक्षण संस्थानों को अच्छा बनाना होगा। और यदि शिक्षण संस्थानों की कोई नींव है, तो वे उनके शिक्षक हैं।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों की भूमिका केवल ज्ञान प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे युवाओं को नैतिकता, अनुशासन और सही मार्गदर्शन देने के लिए भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही वे मार्गदर्शक हैं जो छात्रों को नशे जैसी बुरी लत से दूर रख सकते हैं और समाज के लिए जिम्मेदार नागरिक बना सकते हैं।
प्रशासक चंडीगढ़ गुलाब चंद कटारिया ने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे नशा मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा, "सरकार अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन यह लड़ाई तभी सफल होगी जब समाज का हर व्यक्ति इसमें सक्रिय रूप से भाग ले।"
कार्यक्रम की विशेष प्रस्तुति के रूप में प्रसिद्ध पंजाबी सूफी गायक डॉ. सतिंदर सरताज, जो कि ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के ब्रांड एंबेसडर भी हैं, ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति से युवाओं को नशे से दूर रहने की प्रेरणा दी। उनकी सूफियाना गायकी और गीतों में छिपे गहरे अर्थों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सरताज ने अपने गीतों और संदेशों के माध्यम से युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए बताया कि नशा केवल व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज को बर्बाद कर देता है।
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