चंडीगढ़ में लम्बी प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत डॉक्टरों और शिक्षकों में हड़कंप, सेवा शर्तों में बड़ा बदलाव
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 25 मार्च – केंद्र सरकार द्वारा जारी नए आदेशों के चलते चंडीगढ़ में लम्बी प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर कार्यरत हजारों डॉक्टरों और शिक्षकों की नौकरी पर बड़ा असर पड़ने वाला है। चंडीगढ़ प्रशासन में वर्षों से सेवाएं दे रहे इन कर्मचारियों के लिए अब प्रतिनियुक्ति की अधिकतम अवधि और शर्तों को सख्ती से लागू किया जाएगा, जिससे उनमें असमंजस और चिंता का माहौल है। प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार ने अधिकतम 7 साल सेवा निर्धारित की है
चंडीगढ़ यूटी कर्मचारी संगठन के प्रधान स्वर्ण सिंह ने कहा, "चंडीगढ़ में 25 साल से भी अधिक समय से शिक्षक और डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। यहां आने के बाद वे वापस जाने का नाम ही नहीं लेते। अब नए नियमों के तहत उन्हें वापस भेजा जाएगा।
क्या है नया आदेश?
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने "केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ कर्मचारी कंडीशन रूल्स, 2022" के तहत नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जो 1 अप्रैल 2022 से प्रभावी मानी जाएंगी। इस नियम के तहत:
कर्मचारियों में असमंजस, हड़ताल की तैयारी
इस नए आदेश के बाद शिक्षकों और डॉक्टरों के बीच नाराजगी बढ़ गई है। उनका कहना है कि वे दशकों से चंडीगढ़ में सेवाएं दे रहे हैं और अब अचानक उन्हें वापस भेजने का निर्णय अनुचित है। कर्मचारियों ने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर कर्मचारियों की चिंताओं को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे। वहीं, प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, सरकार इस फैसले को लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और नियमों में कोई ढील दिए जाने की संभावना कम है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन और सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार करेगी या इस आदेश को सख्ती से लागू किया जाएगा।
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