चंडीगढ़ शिक्षकों की मांग – डेपुटेशन कोटा समाप्त किया जाए
बाबूशाही ब्यूरो
चंडीगढ़, 25 मार्च 2025: यूटी कैडर एजुकेशनल एम्प्लाइज यूनियन और गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन (GTU), चंडीगढ़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में डेपुटेशन कोटा खत्म करने की मांग की है। यूनियन ने इस पत्र की प्रति गृह मंत्री, शिक्षा मंत्री और चंडीगढ़ प्रशासन के प्रमुख सलाहकार को भी भेजी है।
क्या है यूनियन की मांग?
यूनियन का कहना है कि 1966 में जब चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) बनाया गया था, तब पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से शिक्षकों और कर्मचारियों को डेपुटेशन पर बुलाया गया था। लेकिन अब चंडीगढ़ की जनसंख्या 13 लाख से अधिक हो चुकी है और स्थानीय शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त है। ऐसे में बाहरी राज्यों से डेपुटेशन पर शिक्षकों की कोई जरूरत नहीं है।
यूनियन का आरोप है कि डेपुटेशन पर आए शिक्षक अपनी मूल राज्य की पोस्ट को खाली छोड़कर चंडीगढ़ में एक अतिरिक्त पद पर कब्जा कर लेते हैं। इससे न केवल स्थानीय शिक्षकों के रोजगार के अवसर घट रहे हैं, बल्कि यह प्रशासनिक असंतुलन भी पैदा कर रहा है।
यूनियन ने जताई नाराजगी
यूनियन के अध्यक्ष स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि पंजाब और हरियाणा चंडीगढ़ को अपनी संयुक्त राजधानी मानते हैं, लेकिन चंडीगढ़ के स्थायी शिक्षकों और कर्मचारियों को इन राज्यों की किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता। इसके विपरीत, जो शिक्षक पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से डेपुटेशन पर चंडीगढ़ आते हैं, वे यहां की सभी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।
प्रधानमंत्री से कार्रवाई की अपील
यूनियन ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि चंडीगढ़ के शिक्षा विभाग में डेपुटेशन कोटा पूरी तरह समाप्त किया जाए और ओवर स्टे कर रहे लगभग 600 शिक्षकों को उनके मूल राज्यों में वापस भेजा जाए।
इस पत्र पर संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी संतोष ढुल्ल, कमलप्रीत सिंह, निर्मल सिंह, संदीप कौर, गुरजीत कौर, दलजीत सिंह मानशाहिया और अन्य प्रमुख सदस्यों के हस्ताक्षर हैं।
यूनियन को उम्मीद है कि सरकार इस मामले पर जल्द संज्ञान लेगी और चंडीगढ़ के शिक्षकों को उनका हक दिलाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।
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