CHD: 1 अप्रैल से चंडीगढ़ में महंगी होगी संपत्ति, प्रशासन ने जारी किए नए कलेक्टर रेट
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 25 मार्च: शहर में संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे लोगों को अब अधिक कीमत चुकानी होगी। चंडीगढ़ प्रशासन ने 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए कलेक्टर रेट जारी कर दिए हैं, जिससे औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और कृषि भूमि की दरों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इन बढ़ी हुई दरों का असर रियल एस्टेट बाजार पर भी पड़ सकता है।
औद्योगिक क्षेत्र की दरों में वृद्धि
चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में संपत्ति के कलेक्टर रेट्स में बड़ा इजाफा किया गया है। फेज-1 और फेज-2 में दरें अब ₹83,000 प्रति वर्ग गज हो गई हैं। फेज-3 में दरें ₹62,600 प्रति वर्ग गज होंगी। औद्योगिक क्षेत्र में बढ़ी हुई दरों का असर नई फैक्ट्रियों, उद्योगों और वाणिज्यिक निवेश पर पड़ सकता है।
वाणिज्यिक संपत्तियों के दाम बढ़े
कमर्शियल प्रॉपर्टी की दरों में भी वृद्धि हुई है, जिससे दुकानदारों और निवेशकों को अधिक भुगतान करना होगा कोयला डिपो, लकड़ी बाजार और ट्रांसपोर्ट एरिया की दरें ₹98,800 प्रति वर्ग गज तय की गई हैं। मनीमाजरा मोटर मार्केट कॉम्प्लेक्स की दुकानों की कीमत ₹2,02,600 प्रति वर्ग गज हो गई है। सेक्टर 8, 15, 19, 22, 34 और 35 में बूथ की कीमत ₹5,54,400 प्रति वर्ग गज निर्धारित की गई है। बढ़ी हुई दरों से दुकान खरीदना महंगा होगा, जिससे नए व्यापारियों के लिए एंट्री मुश्किल हो सकती है।
आवासीय संपत्तियों के नए रेट
शहर में घर खरीदने वालों को भी अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी। सेक्टर 1 से 12 तक के रेजीडेंशियल एरिया में दरें ₹1,78,600 प्रति वर्ग गज कर दी गई हैं। सेक्टर 14 से 37 तक की दरें ₹1,47,600 प्रति वर्ग गज होंगी। हाउसिंग बोर्ड फ्लैट्स, को-ऑपरेटिव सोसायटी फ्लैट्स और इंडिपेंडेंट डेवलपिंग यूनिट्स की कीमतें भी बढ़ाई गई हैं। यह बढ़ोतरी रियल एस्टेट मार्केट पर असर डाल सकती है, जिससे घर खरीदने वालों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ी जमीन की कीमतें
चंडीगढ़ से सटे ग्रामीण इलाकों में भी जमीन महंगी हो गई है। मनीमाजरा में कृषि भूमि (दो कनाल या अधिक) की कीमत ₹3,22,27,700 प्रति एकड़ तय की गई है। रायपुर खुर्द और बहलाना में यही दर ₹2,73,48,900 प्रति एकड़ होगी। दो कनाल से कम जमीन वाले भूखंडों की दरों में भी बढ़ोतरी की गई है।
बढ़ी हुई दरों का असर कृषि भूमि खरीदने और फार्महाउस बनाने की योजनाओं पर पड़ सकता है।
निर्माण दरों में संशोधन
चंडीगढ़ प्रशासन ने इमारतों के निर्माण दरों में भी बदलाव किया है। 10 साल से कम पुरानी इमारतों के लिए दर ₹2,000 प्रति वर्ग फुट होगी। 10 साल से अधिक पुरानी इमारतों की दर ₹1,000 प्रति वर्ग फुट तय की गई है।
इस बदलाव का सीधा असर नई कंस्ट्रक्शन और रिनोवेशन प्रोजेक्ट्स पर पड़ेगा।
रियल एस्टेट बाजार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी से चंडीगढ़ में संपत्ति की कीमतें और बढ़ेंगी। इससे संपत्ति खरीदने वालों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। रियल एस्टेट सेक्टर की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। निवेशकों और डेवलपर्स को नई परियोजनाओं के लिए अधिक लागत चुकानी होगी।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बढ़ी हुई कीमतों से बाजार पर दबाव बढ़ेगा। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट अजय वर्मा के अनुसार,
"नए कलेक्टर रेट से प्रॉपर्टी की कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे आम आदमी के लिए घर खरीदना और मुश्किल हो सकता है। दूसरी ओर, निवेशकों को भी ज्यादा पूंजी लगानी होगी, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।"
क्या हो सकता है आगे?
सरकार से रेट्स में छूट की मांग उठ सकती है। रियल एस्टेट सेक्टर में धीमापन आ सकता है। निवेशक अधिक लाभ वाले क्षेत्रों में शिफ्ट हो सकते है। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले नए कलेक्टर रेट्स से चंडीगढ़ में संपत्ति खरीदना महंगा हो जाएगा। बढ़ी हुई दरों का असर औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय और कृषि क्षेत्रों पर पड़ेगा। अब देखना होगा कि प्रशासन इस फैसले पर कायम रहता है या इसमें कुछ संशोधन करता है।
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