हरियाणा को मिले 1090 चिकित्सा अधिकारी, मुख्यमंत्री ने सौंपे नियुक्ति पत्र
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा अधिकारियों से किया आग्रह, मानवता की सेवा करते हुए स्वस्थ हरियाणा और सशक्त भारत का निर्माण करने में दे अपना योगदान
*पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय अभिसंस्करण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने की शिरकत*
*प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार ने किए अथक प्रयास*
रमेश गोयत
पंचकूला, 8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में नवचयनित 705 महिला चिकित्सा अधिकारियों सहित कुल 1090 चिकित्सा अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इनमे स्वास्थ्य विभाग के 561 डॉक्टर्स और आयुष विभाग के 529 आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।
पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय अभिसंस्करण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग और आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारियों से आग्रह किया कि पूरी मेहनत व लग्न के साथ मानवता की सेवा करते हुए स्वस्थ हरियाणा और सशक्त भारत का निर्माण करने में अपना योगदान दें। सभी चिकित्सा अधिकारी संवेदनशीलता और करुणा भाव रखते हुए ग्रामीण सहित प्रदेश के दूर दराज़ क्षेत्र में सेवाएं देकर अपना कर्त्तव्य निभाएं।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का दिन हरियाणा प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर है। आज नियुक्त हुए ये सभी डॉक्टर्स हरियाणा सरकार के हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लक्ष्य को पूरा करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि सभी ने कठिन परिश्रम, समर्पण और अथक प्रयासों से इस मुकाम को हासिल किया है, इसके लिए वे सभी चयनित डॉक्टर्स व उनके अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं।
स्वास्थ्य सेवा को मानव सेवा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते उनकी भूमिका केवल रोगों का इलाज करने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी कार्य करने के साथ-साथ स्वस्थ समाज का निर्माण करने की भी है। स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति लोगों को शिक्षित करना, जागरूकता अभियान चलाना और सही जीवन शैली को बढ़ावा देना डॉक्टरों की नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने फ्रंटलाइन में रहते हुए लोगों की ज़िन्दगी बचाने का कार्य किया और हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने यह साबित किया कि भारत का स्वास्थ्य तंत्र कितना मजबूत है।
*प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार ने किए अथक प्रयास*
उन्होंने कहा कि आज नियुक्त हुए डॉक्टर्स की सेवा में आने से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी पूरी होगी। इसके अलावा, वर्तमान में 777 चिकित्सा अधिकारियों के नियमित पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वर्तमान सरकार ने अथक प्रयास किए हैं। सरकार ने प्रदेश में एम.बी.बी.एस. की सीटें बढ़ाकर 2185 कर दी हैं, जबकि वर्ष 2014 में केवल 700 एम.बी.बी.एस. सीटें थी। इसके अलावा, पी.जी. की सीटें भी 289 से बढ़ाकर 1006 की गई हैं। इससे भविष्य में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना बहुत बड़ी चुनौती है। इसलिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए आज उच्चकोटि के चिकित्सा शिक्षा संस्थान खोलने की जरूरत है। हरियाणा सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना का लक्ष्य रखा है। अब तक 9 नए मेडिकल कॉलेज खोले जा चुके हैं, इन्हें मिलाकर प्रदेश में 15 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं।
*प्रदेश में किफायती, सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता*
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 'सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः का है। इसलिए प्रदेश में किफायती, सुलभ और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2014 से अब तक 2,807 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की है। डॉक्टरों द्वारा की जा रही सेवा की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की कड़ी मेहनत से ही एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत आज हरियाणा को देश में प्रथम स्थान मिला है।
उन्होंने कहा कि आज चिकित्सा विज्ञान में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक सर्जरी, जीन थेरेपी जैसी नवीनतम तकनीकों ने चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति ला दी है। भारत भी इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसलिए डॉक्टरों को निरंतर नई तकनीकों का अध्ययन करते रहना होगा और नई तकनीकों को अपनाना होगा, ताकि देश के नागरिकों को विश्व स्तरीय आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हरियाणा में ऐसा सिस्टम था कि युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए पैसे देने पड़ते थे। लेकिन युवाओं की चिंता किसी सरकार ने नहीं की। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा की डबल इंजन सरकार का ध्येय है कि गरीब परिवार के बच्चे भी डॉक्टर बनें। इसके लिए सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का काम किया है।
*मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार नागरिकों को बेहतर हेल्थ केयर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध - स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव*
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार नागरिकों को बेहतर हेल्थकेयर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर, उपकरणों व दवाइयों आदि के मामले में अपग्रेड हो रहा है। वर्तमान में हरियाणा के 22 जिला नागरिक अस्पतालों, 50 उपमंडल अस्पतालों, 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 33 डिस्पेंसरी, 13 पॉलीक्लिनिक, 408 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 107 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 55 फर्स्ट रेफरल यूनिट्स और 2734 उप स्वास्थ्य केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल, सिरसा, कैथल, महेंद्रगढ़ और मेडिकल कॉलेज नूंह में 9 स्पेशलिस्ट एमसीएच विंग स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग ने विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मैनपावर, सेवाओं और उपकरणों का जीआईएस मैपिंग किया है, जिससे विभाग को नई बुनियादी ढांचे की योजना बनाने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप 218 नए उप स्वास्थ्य केंद्र, 82 नए पीएचसी और 25 नए सीएचसी की स्थापना की पहचान की गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार 17 अक्टूबर 2024 से किडनी के मरीजों को मुफ्त डायलिसिस सेवाएं प्रदान कर रही है। स्टेज-3 व स्टेज-4 के कैंसर मरीजों को 3000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जा रही है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, आयुष विभाग के महानिदेशक संजीव वर्मा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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