हरियाणा विधानसभा बजट सत्र आज से, कांग्रेस बिना विधायक दल के नेता के उतरेगी
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 7 मार्च 2025: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है, लेकिन कांग्रेस इस सत्र में बिना विधायक दल के नेता के उतरने को मजबूर है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अब तक नेता प्रतिपक्ष के नाम पर फैसला नहीं कर पाया है। सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई, लेकिन यह मुद्दा अनसुलझा ही रहा। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने की, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद थे। उम्मीद थी कि बजट सत्र से पहले नेता की घोषणा हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विधायक दल के नेता की अनुपस्थिति से कांग्रेस कमजोर?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह हरियाणा सरकार का पहला बजट होगा। कांग्रेस इस मौके पर सरकार को किसानों, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर घेरना चाहती थी, लेकिन विधायक दल के नेता के बिना विपक्ष की आवाज कमजोर पड़ सकती है। कई विधायकों ने पहले ही इसकी नियुक्ति की मांग की थी, ताकि वे संगठित होकर सरकार के खिलाफ रणनीति बना सकें।
संगठन पर असर, कार्यकर्ताओं में असमंजस
यदि कांग्रेस आलाकमान बजट सत्र से पहले विधायक दल के नेता की घोषणा करता, तो इससे कार्यकर्ताओं और नेताओं में सकारात्मक संदेश जाता। 2024 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी को नई ऊर्जा की जरूरत है। हालांकि, कुछ नेताओं का कहना है कि संगठन को मजबूत करने के लिए केवल नेता की नियुक्ति ही पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि व्यापक बदलाव जरूरी हैं।
हुड्डा पर कांग्रेस नेतृत्व की दुविधा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। 37 में से अधिकतर कांग्रेस विधायक उनके समर्थक हैं, लेकिन कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह जैसे नेता उनके नाम का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व इस संतुलन को साधने में असमंजस में फंसा हुआ है। यदि हुड्डा को दरकिनार किया जाता है, तो उनके समर्थक नाराज हो सकते हैं, लेकिन उन्हें आगे बढ़ाने पर अन्य गुटों की नाराजगी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।
कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद की रिपोर्ट के बाद फैसला संभव
हरियाणा कांग्रेस के नए प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने हाल ही में पार्टी नेताओं से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है। उन्होंने कहा,
"मैंने सभी नेताओं से खुलकर बातचीत की और उनकी राय सुनी। अब अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष और राहुल गांधी को लेना है।" हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह घोषणा कब होगी।
हरिप्रसाद ने यह भी बताया कि होली के बाद वह हरियाणा का दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे। अब देखना होगा कि कांग्रेस बजट सत्र में बिना नेता के कितना प्रभावी प्रदर्शन कर पाती है, और क्या सत्र के बाद पार्टी नेतृत्व इस अहम फैसले पर मुहर लगाएगा?
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