विश्व जल दिवस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का नागरिकों से आह्वान, पानी की एक एक बूंद बचाएं और ‘जल मित्र’ बनकर जलशक्ति अभियानः कैच द रेन 2025 को सफल बनाएं
*जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा जलशक्ति अभियानः कैच द रेन 2025*
*राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत हरियाणा से करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का जताया आभार*
*नीति, नीयत, और नेतृत्व सही हो तो समाज में परिवर्तन आता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को सच करके दिखाया – नायब सिंह सैनी*
रमेश गोयत
पंचकूला, 22 मार्च – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर आह्वान किया कि सभी हरियाणावासी मिलकर ये संकल्प लें कि पानी की एक एक बूंद बचाएंगे और दुरुपयोग नहीं होने देंगे। ‘जल मित्र’ बनकर जलशक्ति अभियानः कैच द रेन 2025 को सफल बनाएंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को जिला पंचकूला के ताऊ देवीलाल में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल द्वारा जल शक्ति अभियानः कैच द रेन 2025 के शुभारंभ करने उपरांत बोल रहे थे। इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी भी उपस्थित रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां से जो अभियान शुरू हो रहा है, वह जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को हरियाणा के 2 करोड़ 80 लाख लोगों की और से विश्वास दिलाया कि हरियाणा जल संरक्षण की इस मुहिम को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र धरा पर पधारने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जल शक्ति अभियानः कैच द रेन 2025 की शुरुआत हरियाणा से करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जब मुझे इस कार्यक्रम में आने का समाचार मिला तो मुझे एक मुख्यमंत्री के नाते ही नहीं बल्कि हरियाणा प्रदेश के नागरिक के रूप में भी खुशी हुई कि मैं जल संरक्षण के इस अभियान का हिस्सा बन रहा हूं।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एक अभियान, एक आंदोलन, एक क्रांति है। आज जल संचय के जिस उद्देश्य के लिए अभियान की शुरुआत हुई है, यह केवल सरकार की एक योजना का कार्य नहीं है बल्कि यह हमारी आज और आने वाली पीढ़ी के कल के लिए महत्वपूर्ण विषय है।
*नीति, नीयत, और नेतृत्व सही हो तो समाज में परिवर्तन आता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को सच करके दिखाया*
नायब सिंह सैनी ने कहा कि अगर नीति, नीयत, और नेतृत्व सही हो तो समाज में भी परिवर्तन आता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात को सच करके दिखाया है। उन्होंने जिस प्रकार से सामाजिक मुद्दों को उठाया, लोगों की चिंता की है, उसी का परिणाम है कि आज देश में स्वच्छता, स्वास्थ्य, बेटियों को बचाने के लिए सामाजिक चेतना या जल संरक्षण की बात हो। यह सब आज एक अभियान बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए 9 संकल्प रखे हैं। इनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है और इसे पूरा करना इसलिए भी अधिक जरूरी है कि भारत में दुनिया के कुल फ्रेश वॉटर का केवल 4 प्रतिशत ही है, जबकि यहां विश्व की 18 प्रतिशत जनसंख्या रहती है। वैज्ञानिक भी बार-बार चेतावनी दे रहे हैं कि यदि समय रहते जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तो आने वाला समय बड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान न केवल हमारी वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि भावी पीढ़ी के लिए भी बहुत महत्व रखता है। यदि वर्तमान में जल का संचय करेंगे, संरक्षण करेंगे और सदुपयोग करेंगे, तभी भावी पीढ़ी को जल संसाधन सौंप सकेंगे। इस अभियान का संदेश जल संरक्षण और जल संचयन में जन-भागीदारी और जन-जागरूकता बढ़ाना है।
*हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण के लिए शुरू की कई योजनाएं*
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में अपने बहुत ज्यादा जल स्रोत नहीं है। हम पानी के लिए अन्य राज्यों या भूजल पर निर्भर हैं। दोनों ही जल स्त्रोतों की अपनी सीमाएं है। लेकिन एक तीसरा स्रोत भी है, वर्षा के जल को बचाना, उसे संभालना और सहेजना। हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। कृषि क्षेत्र, उद्योग, आवास आदि हर क्षेत्र में जल संरक्षण के उपाय किये हैं। किसानों को कम पानी की खपत वाली फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना चलाई जा रही है। इसके तहत धान की जगह वैकल्पिक फसलें बोने पर वित्तीय सहायता दी जाती है। पहले यह सहायता 7 हजार रुपये प्रति एकड़ थी, बजट में इसे बढ़ाकर 8 हजार रुपये प्रति एकड़ किया है।
इसके अलावा, पानी की एक-एक बूंद-बूंद का सदुपयोग करने के लिए भूमिगत पाइप-लाइन बिछाकर टपका सिंचाई व फव्वारा सिंचाई जैसी तकनीकों के माध्यम से कम से कम पानी में अधिकतम सिंचाई की जा रही है। प्रधानमंत्री पर ड्रोप-मोर क्रोप की अवधारणा के तहत सूक्ष्म सिंचाई पद्धतियों पर 85 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है।
*अमृत सरोवर मिशन के तहत 2215 तालाबों का किया जीर्णोद्धार*
नायब सिंह सैनी ने कहा कि एस.टी.पी. से उपचारित जल का सिंचाई, उद्योगों और शहरी क्षेत्रों में गैर-पेयजल आवश्यकताओं के लिए प्रयोग किया जा रहा है। तालाबों के जीर्णोद्धार एवं कायाकल्प के साथ गन्दे पानी के उपचार एवं प्रबंधन के उद्देश्य से अमृत सरोवर मिशन के तहत 2215 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा चुका है। राज्य सरकार वर्षा जल संचय के लिए किसानों को अपने खेतों में तालाब बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और तालाब के निर्माण पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। प्रदेश में 68 हजार से अधिक जल संरक्षण और वर्षा जल संचय ढांचे बनाये गए हैं।
*पानी को पानी बचाने के लिए रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल की नीति को अपनाना होगा- श्रुति चौधरी*
इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि पानी को पानी बचाने के लिए आज हमें रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल की नीति को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हरियाणा सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को धान के स्थाजन पर वैकल्पिक फसलों की खेती करने के लिए 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस बजट में इस राशि को बढ़ाकर 8 हजार रुपये प्रति एकड़ किया है। इसके अलावा डीएसआर तकनीक से धान की बुआई पर भी 4500 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार एक ऐप विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से लोगों को यह पता लगेगा कि नहर में कितना पानी है और कब रोटेशन में पानी की आपूर्ति होगी।
*हरियाणा के लिए ये केवल एक अभियान नहीं, बल्कि लाइफ लाइन है- मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी*
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि हरियाणा के लिए ये केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी लाइफ लाइन है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में औसत वर्षा की मात्रा लगातार घटती जा रही है। प्रदेश के पानी के दो ही मुख्य स्रोत हैं, सतलुज रावी व्यास और यमुना। इन दोनों ही सिस्टम्स में पानी की उपलब्धता पिछले 40-50 वर्षों में निरंतर गिरी है, जो चिंता का विषय है, जिसकी वजह से जितना पानी पहले उपलब्ध होता था, उतना आज नहीं हो रहा। इसके अलावा, प्रदेश में भू जल स्तर भी निरंतर नीचे जा रहा है। 143 खंडों में से 88 खंड आज डार्क ज़ोन में आते हैं। लेकिन हरियाणा सरकार ने अपने तालाबों का एटलस तैयार किया है और वाटर रिसोर्सिस का सर्वे किया है। सरकार दक्षिण हरियाणा तक पानी पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने भी गत दिनों वित्त मंत्री के रूप में बजट अभिभाषण में मुख्यमंत्री जल संचय योजना का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वाटर रिचार्जिंग के लिए अनेक प्रयास किए हैं। नदियों के बैड्स में पानी डाला जा रहा है। वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बना रहे हैं, लेकिन फिर भी हमें अभी बहुत कुछ करना है। मुझे उम्मीद है कि इस तरीके के कार्यक्रम से हम जल संचय करने में न सिर्फ अपना योगदान दे पाएंगे बल्कि प्रदेश की आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए पानी को बचाकर रख सकेंगे।
*हरियाणा ने जल संरक्षण और प्रबंधन में देश के लिए प्रेरणादायक उदाहरण किया प्रस्तुत - अशोक मीणा*
जल शक्ति मंत्रालय के सचिव अशोक मीणा ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा ने जल संरक्षण और प्रबंधन में पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। पानी की कमी से निपटने के लिए सामुदायिक पहल और नवीन समाधान अपनाकर हरियाणा न केवल अपनी जल स्थिति को सुधार रहा है, बल्कि जल संकट से जूझ रहे अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रकाश स्तंभ बन गया है। यह अभियान जल संरक्षण और वन संरक्षण को मजबूत करने का सतत प्रयास है। इस वर्ष जल शक्ति अभियान को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ साझेदारी में आगे बढ़ाया जा रहा है, जो जल, जंगल, जन एक प्रकार का प्राकृतिक बंधन अभियान के माध्यम से जल संरक्षण और वन संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने पर बल देगा। जल शक्ति अभियान कैच द रेन 2025 को जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन के साथ समेकित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा, जिससे जल सुरक्षा और स्वच्छता के प्रयास को एकीकृत किया जा सके।
कार्यक्रम में हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा केशनी आनंद अरोड़ा, सांसद कार्तिकेय शर्मा, कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ोली, पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता सहित अन्य अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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