जत्थेदार साहिबान को अनौपचारिक तरीके से हटाना अकालियों की बदले की भावना वाली कार्रवाई - मुख्यमंत्री
कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
चंडीगढ़, 8 मार्च -
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज अकाली नेतृत्व द्वारा बदले की भावना से जत्थेदार साहिबान को अनौपचारिक तरीके से हटाने की कड़ी निंदा की।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जत्थेदार साहिब को अनौपचारिक रूप से हटाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि अब राजनीति धार्मिक नेताओं का चयन कर रही है। उन्होंने कहा कि अकालियों ने श्री अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होकर संगतों की उपस्थिति में अपने पापों के लिए माफी मांगने का ढोंग रचा था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अकाली नेतृत्व को उनके अक्षम्य गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद जत्थेदार साहिबान को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदले की भावना से अकाली नेतृत्व जत्थेदारों को हटा रहा है, जो कि अनुचित और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे पूरे सिख समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है और इसलिए वे उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि जनता द्वारा खारिज किए गए नेताओं की जेब से जत्थेदार साहिब को चुनने और हटाने की यह प्रवृत्ति दुखद स्थिति को दर्शाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जत्थेदार साहिब पूरे सिख समुदाय की अत्यंत सम्माननीय शख्सियत हैं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार अनुचित है। उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि जत्थेदारों को हटाने वाली अंतरिम समिति का कार्यकाल लगभग एक दशक पहले ही समाप्त हो चुका है क्योंकि शिरोमणि कमेटी के चुनाव लंबे समय से नहीं हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने भारत सरकार से तुरंत चुनाव कराने की अपील की ताकि राज्य के गुरुद्वारों को मौजूदा महंतों से मुक्त किया जा सके।
केके
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