विधान सभा बनी नई परम्परा की गवाह
शोक प्रस्ताव में विधायकों के साथ खड़े हुए अधिकारी, पत्रकार और दर्शक
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 7 मार्च। हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र का पहला दिन नई परंपरा का साक्षी बना। महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शोक प्रस्ताव पर विधायकों के साथ-साथ सदन में उपस्थित अधिकारी, पत्रकार और दर्शक भी अपने-अपने स्थानों पर खड़े हुए।
विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि संसदीय प्रणाली में समय-समय पर सुधार व बदलाव होते रहे हैं। अभी तक की प्रथा अनुसार शोक प्रस्ताव पर 2 मिनट का मौन रखने के लिए सिर्फ माननीय सदस्य ही अपनी सीट पर खड़े होते हैं। सदन में शोक प्रस्ताव पुण्य-आत्मों की शान्ति तथा शोकाकुल परिवारों को सांत्वना तथा सहानुभूति प्रदान करने के लिए लाए जाते हैं। इन पुण्य आत्माओं के सभी सम्बन्धियों में से किसी न किसी रूप में हम सभी का सम्बन्ध है। इसलिए ऐसे अवसर पर आज के बाद सदन में उपस्थित सभी सदस्य, मीडियाकर्मी व अधिकारियों सहित सभी दीर्घाओं में उपस्थित महानुभाव भी 2 मिनट के मौन के दौरान श्रद्धा सहानुभूति प्रकट करने के लिए खड़े हों तो अच्छा रहेगा। विस अध्यक्ष के इस आह्वान पर सदन में सदस्यों के साथ सभी मीडियाकर्मी व अधिकारियों सहित सभी दीर्घाओं में उपस्थित दर्शक भी खड़े हुए।
महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण की हॉर्डकॉपी सभी सदस्यों को उपलब्ध करवाई गई। सदन में बड़ी संख्या में सदस्य नए हैं। नेवा पॉर्टल पर अभिभाषण उपलब्ध होने के बावजूद उनकी तरफ से हार्डकॉपी उपलब्ध करवाने की मांग उठी थी, उनकी इस मांग को स्वीकार करते हुए हार्डकॉपी दी गई।
सत्र के पहले दिन करनाल जिले के निसिंग स्थित गुरु ब्रह्मानंद पब्लिक स्कूल के 25 बच्चों और शिक्षकों का समूह विधान सभा सत्र देखने पहुंचे। इस दौरान विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने बच्चों से मुलाकात की और उनके साथ अपने संसदीय कामकाज के अनुभव साझा किए।
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