13 महीने बाद खुला दातासिंह वाला बॉर्डर, दिल्ली-पटियाला हाईवे पर यातायात बहाल
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 21 मार्च। हरियाणा और पंजाब के बीच दातासिंह वाला बॉर्डर शुक्रवार को 13 महीने बाद यातायात के लिए खोल दिया गया। इसके साथ ही दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बहाल हो गई है। पुलिस प्रशासन ने खनौरी-दातासिंह वाला बॉर्डर से सभी अवरोधकों को हटा दिया, जिससे अब वाहन सुचारू रूप से गुजर सकते हैं।
इससे पहले, वाहन चालकों को लिंक मार्गों के जरिए 10 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा था, जिससे समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही थी। अब सड़क खुलने से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
खनौरी बॉर्डर भी हुआ क्लीयर, पंजाब पुलिस ने हटाए ट्रैक्टर-ट्रालियां
हरियाणा की तरफ से खनौरी बॉर्डर गुरुवार को ही क्लीयर कर दिया गया था, लेकिन पंजाब की सीमा में ट्रैक्टर-ट्रालियां और अन्य वाहन खड़े होने के कारण रास्ता बाधित था। शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने चार बजे तक सभी ट्रैक्टर-ट्रालियों को हटाकर मार्ग को पूरी तरह खोल दिया।
जेसीबी और हाइड्रा मशीनों से हटाई गई बैरिकेडिंग
गुरुवार को पंजाब पुलिस ने खनौरी बॉर्डर पर किसानों के पक्के मोर्चे, ट्रैक्टर-ट्रालियां और अन्य वाहन हटाने का अभियान चलाया। वहीं, हरियाणा में दातासिंह वाला बॉर्डर को खोलने के लिए दर्जनों जेसीबी और हाइड्रा मशीनों की मदद से बैरिकेडिंग हटाई गई। इसके बाद, शुक्रवार को सड़क को पूरी तरह साफ कर दिया गया और यातायात बहाल कर दिया गया।
जिले में धारा 163 लागू, कानून-व्यवस्था बनी रहेगी
हालांकि, बॉर्डर खुलने के बावजूद शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जींद जिले में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
जिला उपायुक्त (डीएम) मोहम्मद इमरान रजा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के कारण संभावित अशांति और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है।
जुलूस, हथियार और ज्वलनशील पदार्थों पर प्रतिबंध
निषेधाज्ञा के तहत:
पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने और जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा।
भड़काऊ भाषण देने या लाउडस्पीकर पर उत्तेजक संगीत बजाने की अनुमति नहीं होगी।
लाठी, तलवार, गंडासा, आग्नेयास्त्र, विस्फोटक पदार्थ या किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर जिले में प्रवेश नहीं किया जा सकेगा।
पेट्रोल-डीजल जैसी ज्वलनशील सामग्री को खुले में बोतल, केन या ड्रम में बेचने पर भी रोक लगाई गई है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
बॉर्डर खुलने के बाद स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों ने राहत की सांस ली है। पिछले 13 महीनों से सड़क बंद होने के कारण व्यापार और यातायात बुरी तरह प्रभावित था। अब हाईवे खुलने से सभी को सहूलियत मिलेगी और आर्थिक गतिविधियां फिर से रफ्तार पकड़ेंगी।
हालांकि, प्रशासन अब भी स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।
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