HP Budget Session: आम जनता पर नहीं लगा बिजली का सेस, मिल्क सेस पर सत्ता पक्ष-विपक्ष में हुई नोक-झोंक
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला। उप मुख्यमंत्री मुकेश अगिनहोत्री ने कहा कि बिजली पर मिल्क सेस व पर्यावरण सेस आम जनता पर नहीं लगा है। इस तरह का सेस उद्योगपतियों पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस सेस से कोई ज्यादा कमाई नहीं हुई है।
विधानसभा में बुधवार को बिजली के बिलों में लगाए गए दूध और पर्यावरण सेस के मामले पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक हुई। इस दौरान दोनों तरफ से एक-दूसरे पर कटाक्ष भी किए गए। प्रश्नकाल के दौरान विधायक भुवनेश्वर गौड़ के मूल सवाल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुपूरक सवाल पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में लोकहित के दृष्टिगत दूध आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए तथा पर्यावरण सुरक्षा के लिए विद्युत उपभोग पर उपकर (सेस) लगाए गए हैं। इससे कोई ज्यादा आय नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में सेस जोड़ने का एकमात्र कारण केवल राज्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना तथा पर्यावरण सुरक्षा है। होटल तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान में दुग्ध सेस 10 पैसे प्रति यूनिट तथा 10 पैसे प्रति यूनिट पर्यावरण सेस देय है।
उन्होंने कहा कि आम लोगों पर इसका कोई भार नहीं पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसे प्रदेश के विकास में सक्रिय योगदान के रूप में देखा जाना चाहिए। अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने शासनकाल में मंदिरों की आय का कुछ हिस्सा गोवंश के लिए रखा था। इस दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक भी हुई।
उन्होंने कहा कि लोगों को सस्ती बिजली मिले, उसके लिए 1555 करोड़ रुपए की सबसिडी दी गई है। इसके अलावा पर्यटन उद्योग को भी 44.5 करोड़ रुपए की सबसिडी दी गई है। (SBP)
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