HP Budget Session: विधानसभा में नया विधेयक लाई प्रदेश सरकार, ड्रग्स एडिक्ट जेल नहीं, अस्पताल जाएंगे
बाबूशाही ब्यूरो
शिमला, 27 मार्च 2025 : हिमाचल सरकार ने विधानसभा में बुधवार को ड्रग्स डी-एडिक्शन और रिहैबिलिटेशन को लेकर प्रभावी काम करने के लिए एक नया बिल विधानसभा में रखा है।
इसे हिमाचल प्रदेश ड्रग्स एंड कंट्रोल्ड सब्सटेंस प्रीवेंशन डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन बिल-2025 का नाम दिया गया है। इस बिल में एनडीपीएस एक्ट के अलावा कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं। राज्य सरकार ने पहली बार ड्रग एडिक्ट और ड्रग सिंडिकेट में फर्क किया है।
नए विधेयक में प्रावधान है कि ड्रग एडिक्ट यदि पकड़ा जाता है, तो उसे जेल भेजने के बजाय अस्पताल या सरकार से मान्यता प्राप्त सेंटर में भेजा जाएगा और इलाज करवाया जाएगा। पहली बार इस तरह के अपराध में प्रॉसिक्यूशन नहीं होगी। इस नए कानून के तहत डी-एडिक्शन और रिहैबिलिटेशन के लिए स्टेट फंड बनाने की बात कही गई है।
जिसमें कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के माध्यम से भी पैसा दिया जा सकेगा और कैग इसका ऑडिट करेगा। ड्रग्स की मात्रा कम होने के बावजूद दो साल की जेल का प्रावधान किया गया है, जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकेगा।
बच्चों या माइनर को ड्रग्स बेचने के अपराधियों की भी सजा बढ़ाई गई है और शैक्षणिक संस्थाओं के नजदीक इस तरह की एक्टिविटी पर भी पेनल्टी बढ़ी है।
इस कानून के तहत ड्रग्स के मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट स्थापित किए जाएंगे, जो सेशन जज के होंगे। नए कानून में कोई भी प्रॉसिक्यूशन डीएसपी से नीचे के स्तर के अधिकारी के माध्यम से नहीं की जाएगी। पहली बार इस कानून में गवाहों की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है। (SBP)
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