मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की विधानसभा भंग करने की सिफारिश
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास भेजी सिफारिश
चंडीगढ़, 11 सितम्बर 2024--हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा विधानसभा भंग करने का फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया गया, जिसमें राज्य के महत्वपूर्ण मंत्रियों ने भाग लिया और इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। शाम को इसके लिए कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई थी, जिमसें कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर, स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता, लोक निर्माण मंत्री डॉ बनवारी लाल, शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा, परिवहन मंत्री असीम गोयल, खेल मंत्री संजय सिंह कैबिनेट मीटिंग में शामिल रहे। यह निर्णय संवैधानिक संकट से बचने के लिए लिया गया, क्योंकि सीएम सैनी विधानसभा का मानसून सत्र नहीं बुला पा रहे थे। इस निर्णय के बाद कैबिनेट की सिफारिश राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के पास भेजी जाएगी, जो इस पर अंतिम फैसला करेंगे। राज्यपाल के फैसले तक नायब सैनी कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे, लेकिन अब वह कोई नीतिगत फैसले नहीं ले सकेंगे। इस कदम से हरियाणा में केयर टेकिंग गवर्नमेंट का गठन होगा, जो मुख्य रूप से देखभाल का काम करेगी।
विधायी एवं संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि बेशक चुनाव आयोग ने 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए आम चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हो, उसमें भी सरकार सत्र बुला सकती है। उनका कहना है कि 14वीं हरियाणा विधानसभा, जिसका कार्यकाल 3 नवंबर 2024 तक है, एवं जिसका पिछला एक दिन का विशेष सत्र 5 माह पूर्व 13 मार्च 2024 को बुलाया गया था।
ऐसे में संविधान के अनुच्छेद 174(1) की सख्त अनुपालना में मौजूदा विधानसभा का एक सत्र, बेशक वह एक दिन या आधे दिन की अवधि का ही क्यों न हो, वह आगामी 12 सितंबर 2024 से पहले बुलाना अनिवार्य है।
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