हरियाणा सरकार की वित्तीय स्थिति पारदर्शी, श्वेत पत्र की आवश्यकता नहीं: मुख्यमंत्री
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 मार्च: हरियाणा सरकार ने विपक्ष की ओर से श्वेत पत्र (White Paper) लाने की मांग को खारिज करते हुए कहा कि राज्य के वित्तीय आंकड़े पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं और हर वर्ष CAG (Comptroller and Auditor General) की रिपोर्ट में प्रकाशित होते हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा,
"श्वेत पत्र वहां लाया जाता है, जहां आंकड़े सार्वजनिक न हों। हरियाणा सरकार की कर्ज और वित्तीय स्थिति से जुड़े सभी तथ्य और आंकड़े पहले से ही पारदर्शी रूप से उपलब्ध हैं। इसलिए, विपक्ष की यह मांग निराधार है।"
"पावर कंपनियों के ऋण को नियंत्रित करने में बड़ी सफलता"
सरकार ने बताया कि 2004-05 में पावर कंपनियों का ऋण मात्र 1,337 करोड़ रुपये था, जो 2014-15 में 24 गुना बढ़कर 31,553 करोड़ रुपये हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू की गई उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (UDAY) से राज्य सरकार ने बिजली कंपनियों का 25,950 करोड़ रुपये का कर्ज टेकओवर किया, जिससे ब्याज दर 11.2% से घटकर 8.2% हो गई।
इससे सरकार को 6,197 करोड़ रुपये का ब्याज बचाने में मदद मिली।
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2024-25 तक 20,030 करोड़ रुपये का मूलधन और पूरा ब्याज चुका दिया जाएगा।
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पिछले वर्ष UDAY योजना के तहत 6,536 करोड़ रुपये की देनदारी थी, जो 2025-26 में घटकर 5,686 करोड़ रुपये और 2026-27 में सिर्फ 1,800 करोड़ रुपये रह जाएगी।
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2026-27 के बजट में सरकार को 4,700 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलेंगे, जिससे विकास कार्यों की गति चार गुना तेज की जाएगी।
"राज्य का ऋण 10 वर्षों में तीन गुना ही बढ़ा, पहले की तुलना में धीमी गति"
सरकार ने बताया कि राज्य का ऋण 2004-05 में 17,347 करोड़ रुपये था, जो 2014-15 में बढ़कर 96,875 करोड़ रुपये हो गया।
अर्थात, पिछले 10 वर्षों में यह लगभग 5 गुना बढ़ा था।
इसके मुकाबले, 2014-15 से 2024-25 के बीच यह कर्ज केवल 3 गुना बढ़कर 5,22,000 करोड़ रुपये हुआ है।
"कर्ज की वृद्धि दर घटी, वित्तीय अनुशासन मजबूत"
सरकार ने ऋण वृद्धि की दर को नियंत्रित करने की उपलब्धि गिनाई:
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1999-2000 से 2003-04 के बीच कर्ज की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 18.15% थी।
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2004-05 से 2014-15 के बीच यह घटकर 15.12% हो गई।
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2015-16 से 2025-26 के बीच यह और कम होकर 13.25% रह गई।
"कैपिटल आउटले में सुधार, बुनियादी ढांचे पर बड़ा निवेश"
सरकार ने बताया कि 2025-26 के बजट में 16,164 करोड़ रुपये कैपिटल आउटले के रूप में आवंटित किए गए हैं।
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अनुदान के रूप में 6,798 करोड़ रुपये।
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पूंजीगत कार्यों के लिए 4,648 करोड़ रुपये ऋण।
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मरम्मत और रखरखाव पर 2,516 करोड़ रुपये।
इस तरह कुल प्रभावी कैपिटल आउटले 30,126.25 करोड़ रुपये होगा, जो बजट का 14.69% है।
"आर्थिक अनुशासन से विकास होगा तेज"
सरकार ने स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में वित्तीय स्थिति और मजबूत होगी, जिससे विकास योजनाओं को तेज गति से लागू किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष से आग्रह किया कि भ्रम फैलाने के बजाय, सरकार के प्रयासों को सकारात्मक रूप से देखें और राज्य के विकास में सहयोग करें।
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