आउटसोर्स्ड वर्करों की भूख हड़ताल 18वें दिन भी जारी, झंडे लेकर किया रोष मार्च
रमेश गोयत
चंडीगढ़, 27 मार्च: तीन महीने से वेतन न मिलने के विरोध में चंडीगढ़ के आउटसोर्स्ड वर्करों की भूख हड़ताल आज 18वें दिन भी जारी रही। कोऑर्डिनेशन कमेटी के बैनर तले वर्करों ने सेक्टर-16 स्थित मेंटेनेंस बूथ पर झंडे लेकर रोष मार्च निकाला और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान माननीय डीसी को एक मांग पत्र भी सौंपा गया, जिसे एसडीएम (सेंट्रल) नवीन दानिक्स ने प्राप्त किया।
वर्करों की मुख्य मांगें
मांग पत्र में कहा गया कि:
आउटसोर्स्ड वर्करों को समय पर वेतन देने में लापरवाही बरतने वाले विभागों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
डीसी रेट में 10% की बढ़ोतरी की जाए।
सभी वर्गों की सैलरी में समान रूप से वृद्धि की जाए।
भूख हड़ताल पर बैठे वर्कर
आज भूख हड़ताल में विभिन्न विभागों के 23 कर्मचारी शामिल हुए, जिनमें शामिल हैं:
सीवर नगर निगम: शैलेश कुमार
स्पोर्ट्स विभाग: गुरमीत सिंह, अजेब सिंह
रोड एडमिन: संतोख सिंह, रमेश कुमार
बिल्डिंग मेंटेनेंस: प्रदीप कुमार, थाडी कर्ण
पब्लिक हेल्थ: मखन सिंह, कामेश कुमार, सतवीर सिंह, विनोद कुमार, जसबीर सिंह
इलेक्ट्रिकल एडमिन: दविंदर कुमार, राम कुमार, लवदीप सिंह, रणजीत सिंह, अंकुर कुमार, जसविंदर कुमार, करमजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, पवन कुमार, विपण कुमार, कुलविंदर सिंह
वर्करों की मांगों पर जोर
इस मौके पर कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी इम्प्लाइज एंड वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ के प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजिंदर कुमार, कैशियर किशोरी लाल और अन्य नेताओं ने प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग विभाग के इलेक्ट्रिकल सर्कल, पब्लिक हेल्थ सर्कल, कंस्ट्रक्शन सर्कल, नगर निगम और सीटीयू में कार्यरत आउटसोर्स्ड वर्करों को तीन महीने से वेतन नहीं दिया गया है।
नेताओं ने कहा कि प्रशासन और लेबर विभाग की हिदायतों की अवहेलना की जा रही है, और श्रम कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा। सरकार द्वारा टेन मंथली बजट जारी होने के बावजूद वेतन भुगतान में देरी समझ से परे है।
8 अप्रैल को होगा चंडीगढ़ सचिवालय का घेराव
भूख हड़ताल 28 मार्च तक जारी रहेगी।
29 मार्च को वर्करों की कन्वेंशन होगी, जिसमें 8 अप्रैल को चंडीगढ़ सचिवालय के घेराव की तैयारियों पर चर्चा की जाएगी।
प्रशासन से मांग की गई कि मुलाजिमों की समस्याओं पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जाए और उनकी मांगों पर जल्द फैसला लिया जाए।
वर्करों ने चेतावनी दी कि यदि वेतन जल्द नहीं दिया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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